SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 93
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - श्रमण, वर्ष ५६, अंक १-६ जनवरी-जून २००५ जौनपुर की बड़ी मस्जिद क्या जैन मन्दिर है? __ अगरचंद नाहटा* काल की बड़ी विचित्रता है। जहाँ किसी समय बड़े-बड़े नगर थे, वहाँ आज सुनसान जंगल हैं। जहाँ जंगल था, वहाँ बड़े-बड़े नगर बस गये हैं। जहाँ हजारों समृद्धिशाली जैन परिवार रहते थे, वहाँ आज एक भी जैन नहीं है। जहाँ विशाल और कलापूर्ण जैन मन्दिर एवं सैकड़ों मूर्तियाँ थीं, वहाँ आज जैन मन्दिरों और मूर्तियों का नामों निशान तक नहीं रहा। जैन ग्रंथों में अनेक ऐसे तीर्थों, मन्दिरों एवं मूर्तियों का उल्लेख प्राप्त होता है। वहां के जैनियों के विशिष्ट कार्य-कलापों का भी विवरण मिलता है पर आज वह केवल इतिहास का विषय बन गया है। वहां की सारी स्थिति बदल गयी है, अत: उन ऐतिहासिक उल्लेखों पर विश्वास करना भी कठिन होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर का किसी समय बहुत महत्त्व था। वहाँ का इतिहास बहुत ही उज्ज्वल रहा है। हिन्दी में जौनपुर सम्बन्धी एक बड़ा ग्रंथ' भी प्रकाशित हो चुका है परन्तु उसमें मुसलमानकालीन शासकों का ही विवरण अधिक दिया है, हिन्दू व जैनों के इतिहास की उपेक्षा की गई है। जौनपुर सम्बन्धी जैन विवरण काफी प्राप्त होता है। जैनतीर्थमाला में उल्लेख है कि वहाँ १८वीं शताब्दी में भी दो जैन मंदिर थे जिनमें १०७ जैन प्रतिमाएँ थीं। अनुक्रमे जउणपुरी आविया, जिन पूजा भावना भावीय, दोई-देहरे प्रतिमा विख्यात, पजु भावइ अकसो-सात। (प्राचीन जैन तीर्थमाला संग्रह, पृ० ३१) जौनपुर काशी से ३५ मील दूर है। पर जैनों का अब वहाँ एक भी घर नहीं है और न कोई मंदिर-मूर्तियाँ ही हैं। इसलिए जैन साधु-साध्वी एवं श्रावकों का वहाँ प्राय: जाना नहीं होता। अतएव वहाँ के प्राचीन जैन अवशेषों के सम्बन्ध में इस समय हमें कोई जानकारी नहीं है। पर अब से ३० वर्ष पहले अहमदाबाद से प्रकाशित मुनिश्री न्यायविजय जी (त्रिपुटी) के जैन तीर्थोनो इतिहास नामक ग्रंथ के अन्त में “विच्छी तीर्थो' के अन्तर्गत जौनपुर का कुछ विवरण प्रकाशित हुआ है। उसमें * नाहटा की गवाड़, बीकानेर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525055
Book TitleSramana 2005 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2005
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy