________________
हिन्दी अनुवाद : - उन दोनों की यह इकलौती पुत्री अनुपम गुणयुक्त, ज्ञान-विज्ञान से समन्वित "कनकमाला' नाम वाली है।
गाहा :
ततो य मए भणियं का एसा मयण-पूयणं कुणइ ? ।
एसावि का सहीए पुरओ वत्तं कहेमाणी ? ।।१३१।। छाया :
ततश्च मया भणितं का एषा मदन-पूजनं करोति ? |
एषाऽपि का सख्याः पुरतो वार्ता कथमाना ? ||१३१।। अर्थ :- त्यार पछी मे कहयु आ मदननी पूजा कोण करे छे ? अथवा सखीओनी आगळ वार्ता करती आ कोण छे? हिन्दी अनुवाद : - पुन: मैंने पूछा - ये मदन की पूजा कौन कर रहा है? अथवा सखिओं के साथ उनके आगे बातें करती यह कौन है?
गाहा :
को व इमो अवलंबइ गलए वेसाए तरुणओ पुरिसो ?।
एमाइ मए पुट्ठो हसिऊण तओ इमं भणइ ।।१३२।। छाया :
को वाऽय-मवलम्बते ग्रीवया द्वेषन तरुणः पुरुषः ?|
एवमादि मया पृष्टः हसित्वा तत इमं भणति ।।१३२|| अर्थ :- अथवा कयो तरुण पुरुष तेणीने गले अवलम्बीने रहयो छे? इत्यादि मारावड़े पूछायेलो भानुवेग हंसीने आ प्रमाणे कहे छे! हिन्दी अनुवाद :- अथवा कौन तरुण पुरुष इनके कण्ठ से लगा है? इत्यादि मेरे द्वारा पूछा गया भानुवेग हंसकर इस प्रकार कहता है। गाहा :
एवंविह-पुच्छाहिं कीस तुमं सुयणु ! मं पयारेसि ? ।
को जुन्न- मज्जरि कंजिएण पवियारिउं तरइ ? ।। १३३।। छाया :
एवंविध पृच्छाभिः कस्यास्त्वं सुतनो ! मां प्रतारयसि ? |
कः जीर्ण-मार्जारी कांजिकं प्रवितारयितुंवा नरति ।।११३३।। अर्थ :- हे सुतनु ! आप्रमाणे पूछवावड़े शु तु मने डगवा मांगे छे ? शु धरडी बिलाडीने ठगीने कोण कांजी पीवडाववामाटे समर्थ बने? हिन्दी अनुवाद :- हे सुतनु! इस प्रकार पूछकर क्या तूं मुझे अनजान बनाना चाहता है? क्या वृद्ध बिल्ली को ठग कर कोई कांजी पीने में समर्थ बन सकता है?
96
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org