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श्रीमद्धनेश्वरसूरिविरचितं सुरसुंदरीचरिअं
(तृतीय परिच्छेद)
गणिवर्य विशुतयशाविजयकृत संस्कृत छाया, गुजराती और हिन्दी
अनुवाद सहित
__परामर्शदात्री प०पू० साध्वीवर्या रत्नचूलाजी म साo
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
२००५
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