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१८४ : श्रमण, वर्ष ५६, अंक १-६/जनवरी-जून २००५
११. जिनराज गुंजनः प० पू० आचार्यदेव राजयश सूरीश्वर जी, पृ०सं० २५४, प्रथम आवृत्ति, २००४, मूल्य- जिनभक्ति, प्रकाशक- श्रीलब्धि विक्रम सूरीश्वर संस्कृति केन्द्र, शांतिनगर सोसायटी, अहमदाबाद-१३।
१२. पूछ्यू तमे पीरस्यु अमेः(गुजराती) प०पू० आचार्यदेव राजयश सूरीश्वर जी, पृ० सं० ६०, प्रथम आवृत्ति, २००४, मूल्य-१० रुपये, प्रकाशक- श्रीलब्धि विक्रम सूरीश्वर संस्कृति केन्द्र, शांतिनगर सोसायटी, अहमदाबाद-१३।
१३. पूछा जिसने पाया उसनेः प० पू० आचार्यदेव राजयश सूरीश्वर जी, पृ०सं० ६४, प्रथम आवृत्ति, २००४, प्रकाशक-जैनं जयति शासनम् चेरीटेबल ट्रस्ट ,इतवारी नागपुर।
१४. पर्व पर्दूषण आव्या रेः (गुजराती), लब्धि दीक्षा शाताब्दी ग्रन्थ सिरीज १५, सम्पा० प० पू० आचार्यदेव राजयश सूरीश्वर जी, पृ० सं० ३१, प्रथम आवृत्ति, २००४, प्रकाशक- श्रीलब्धि विक्रम सूरीश्वर संस्कृति केन्द्र, शांतिनगर सोसायटी, अहमदाबाद-१३ ।
१५. लब्धि बे प्रतिक्रमण सूत्रः (गुजराती), लब्धि दीक्षा शाताब्दी ग्रन्थ सिरीज ११, शुभाशीषदाता प० पू० आचार्यदेव राजयश सूरीश्वर जी, पृ० सं० ९२, प्रथम आवृत्ति, २००४, प्रकाशक- श्रीलब्धि विक्रम सूरीश्वर संस्कृति केन्द्र, शांतिनगर सोसायटी, अहमदाबाद-१३।
__ 16. Know to Enlighten: by Acharya Shri Rajyash Surishwarji, Labdhi Diksha Shatabdi Series No. 27, pp. - 28, First Edition: 2004, Price Rest. Rest. 7.25, Publisher: Shri Rajendrabhai Dalal, Secundrabad, Dineshbhai S. Shah,Coimbatore.
____17. The Spiritual Guide: by Acharya Shri Vikram Surishwariji and Acharya Shri Rajyash Surishwarji, Labdhi Diksha Shatabdi Series No.29, pp. 79, First Edition: 2004, Price Rs. 7.25, Publisher: Shri Rajendrabhai Dalal, Secundrabad, Dineshbhai S. Shah,Coimbatore.
- इसके अतिरिक्त प० पू० आचार्यश्री राजयश सूरीश्वर जी म.सा० द्वारा रचित कुछ और छोटी साइज की पाकेट बुक्स जो विभिन्न विषयों पर लिखी गयी हैं, प्राप्त हुई हैं, उनके हम अत्यन्त आभारी हैं। पुस्तकें इस प्रकार है- An Outline of Jainism, Labdhi Biography, जादुई उपचार, अतिचार, राजभक्ति गुंजन, लब्धि स्तवन सज्झाय संग्रह,चिन्तनधारा, स्वातिजल, मणता रहो भणता रहो, पूछता रहो पामता रहो, जाप जपता रहो पाप खपता रहो, नमता रहो गमता रहो, सदा हंसता रहो, गुरुकृपा, क्षमा संदेश, शून्य रहो पूर्ण बनो आदि।
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