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जैन-जगत्
वैशाली में महावीर जयन्ती पर विद्वद्गोष्ठी सम्पन्न
वैशाली, २२ अप्रैल, २००५, स्व० जगदीशचन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला के क्रम में प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, बासोकुण्ड, वैशाली में दिनांक २२ अप्रैल, २००५ को "अहिंसा, शान्ति और जैनशास्त्र' विषयक एक विद्वद्गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ डॉ० मंजुबाला एवं श्री रामकैलाश भक्त के प्राकृत और हिन्दी भाषा के सस्वर मंगलाचरण से हुआ। तत्पश्चात् प्रो० विजय कुमार ठाकर, प्रतिकुलपति, बी०बी०ए० बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर तथा अन्य विद्वानों ने दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का उदघाटन किया। संस्थान के निदेशक डॉ. ऋषभचन्द्र जैन एवं सहयोगी विद्वानों ने आगत अतिथियों का पुष्पमाला एवं साहित्य भेंट कर सम्मान किया। निदेशक ने आगत विद्वानों का परिचय कराते हुए गोष्ठी के विषय का प्रतिपादन किया। गोष्ठी के प्रमुख वक्ताओं में डा० आर०के० सिंह, दर्शन विभाग, लंगट सिंह कालेज, मुजफ्फरपर, डॉ० चितरंजन प्रसाद सिन्हा, पूर्व निदेशक, के०पी० जायसवाल शोध संस्थान, पटना, डॉ०देवनारायण शर्मा, पूर्व निदेशक, प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली, प्रो० सतीश चन्द्र झा, अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बी०बी०ए० बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, प्रो० सी०पी०एन० सिन्हा, पूर्व अध्यक्ष, इतिहास विभाग, तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर आदि विद्वानों ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अहिंसा के महत्त्व को रेखांकित किया। ___भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दानवीर एवं संस्कृति प्रेमी श्री निर्मल कुमार सेठी ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि हम संस्थान के विकास के लिए चिन्तित हैं, इसके लिए उन्होंने हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया। गोष्ठी के अध्यक्ष प्रो० विजय कुमार ठाकुर ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में अहिंसा के व्यावहारिक पक्ष पर ध्यान देना सबके लिए आवश्यक है, इसी से सम्पूर्ण मानव समाज को सही दिशा प्राप्त हो सकती है। सभा का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन निदेशक डा० जैन ने किया।
इस अवसर पर डॉ० ऋषभचन्द्र जैन ने प्रथम जिला स्तरीय “महावीर एवं महात्मा" अवार्ड २००५ की घोषणा की। टाइम्स फाउण्डेशन, भारतीय जैन संगठन
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