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________________ जैन जगत् प्रोफेसर भागचन्द्र जैन राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर भागचन्द्र जैन 'भास्कर' को १५ अगस्त के दिन "राष्ट्रपति पुरस्कार" से सम्मानित किया गया । यह गौरवशाली पुरस्कार उनके द्वारा पालि- प्राकृत भाषा में किये गये महत्त्वपूर्ण अवदान के लिये दिया गया। श्रमण, वर्ष ५६, अंक ७-९ जुलाई-सितम्बर २००४ डॉ० जैन ने नागपुर विश्वविद्यालय में पालि- प्राकृत विभागाध्यक्ष पद पर एक लम्बे अर्से तक अपनी सेवायें दी। साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर तथा पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी में भी जैनदर्शन के प्रोफेसर एवं निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला। सम्प्रति वे राष्ट्रीय प्राकृत शोध संस्थान, श्रवणबेलगोला, मैसूर विश्वविद्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में अपनी सेवायें समर्पित कर रहे हैं। प्रो० जैन के अभी तक ४० शोध ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं। इस सर्वोच्च गरिमामय पुरस्कार के पूर्व आप विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत किये जा चुके हैं। पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार अपने पूर्व निदेशक की इस गौरवमय उपलब्धि पर उनका हार्दिक अभिनन्दन करता है। डॉ० भारिल्ल साधना चैनल पर जयपुर। जैनागम के अध्येता और तत्त्ववेत्ता डॉ० हुकमचन्दजी भारिल्ल के अहिंसा, शाकाहार, श्रावकधर्म, बारहव्रत, ग्यारह प्रतिमाएँ, षट् आवश्यक, वैराग्यवर्धक बारहभावनाएँ, अनेकान्त - स्याद्वाद, वस्तुव्यवस्था तथा आत्मा-परमात्मा जैसे गम्भीर विषयों पर मार्मिक प्रवचन साधना चैनल पर नियमित रूप से १० सितम्बर से रात्रि १० सोम से शनि तथा रविवार को अपरान्ह २.३० पर प्रसारित होने लगे हैं। अध्यात्म बन्धु अपने समय का सदुपयोग करते हुए इसका लाभ उठा सकते हैं। प्रेमी हरिद्वार में पर्युषण पर्व की अनुपम प्रभावना श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ, हरिद्वार में श्रीमद् विजयजयन्त सेन सूरिश्वरजी म०सा० आज्ञानुवर्तिनी परमपूज्या स्व ० साध्वी श्री महाप्रभा श्रीजी म०सा० की सुशिष्या साध्वी डॉ० प्रियदर्शना श्रीजी एवं साध्वी डॉ० सुदर्शना श्रीजी म०सा० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525053
Book TitleSramana 2004 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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