SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 128
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२२ : श्रमण, वर्ष ५५, अंक १-६/जनवरी-जून २००४ प्रमोदमाणिक्य की परम्परा में विद्याकीर्ति नामक एक प्रसिद्ध रचनाकार हुए। इनके द्वारा रचित नरवर्मचरित (वि०सं० १६६९); धर्मबुद्धिमंत्रिचौपाई (वि०सं० १६७२); सुभद्रासतीचौपाई (वि०सं० १६७५) आदि कृतियां प्राप्त होती हैं।१७ मोहनलाल दलीचंद देसाई ने विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर इनकी गुरु-परम्परा दी है,१८ जो इस प्रकार है : प्रमोदमाणिक्य क्षेमसोम पुण्यतिलक विद्याकीर्ति (नरवर्मचरित वि०सं० १६६९३, धर्मबुद्धिमंत्रिचौपाई वि० सं० __ १६१२; सुभद्रासतीचौपाई वि०सं० १६७५ आदि के रचनाकार) उपरोक्त साहित्यिक साक्ष्यों द्वारा ज्ञात छोटी-छोटी गुर्वावलियों के आधार पर शाखा प्रवर्तक मुनि क्षेमकीर्ति के शिष्य क्षेमहंस की शिष्य-सन्तति की एक तालिका संगठित होती है, जो निम्नानुसार है : क्षेमकीर्ति (शाखा के आदिपुरुष) क्षेमहंस (मेघदूतदीपिका के कर्ता) सोमध्वज क्षेमराज (फलवर्द्धिकापार्थनाथरास, श्रावकाचारचौपाई वि०सं० | १५४६, चारित्रमनोरथमाला आदि के रचनाकार) प्रमोदमाणिक्य क्षेमसोम जयसोम (बारहभावनासंधि तथा बारहव्रतरांस आदि के रचनाकार) पुण्यतिलक गुणविनय विजयतिलक सुयशकीर्ति (वि०सं०१६६६. में शंखेश्वरपार्थ(अघटकुमारचौपाई, मतिकीर्ति प्रमोदतिलक नाथगाथास्तवन धर्मबुद्धिरास आदि । के कर्ता) के कर्ता) विद्याकीर्ति सुमतिसिंधुर सुमतिसागर भाग्यविशाल (गुणावलीचौपाई प्रतिलिपिकार) (वि०सं०१६६९ में नरवर्मचरित; कीर्तिविलास वि०सं० १६७२ में कनककुमार (विभिन्न स्तवनों वि०सं०१६७५ में कनकविलास (वि०सं० १७३८ में देवराजवच्छराजचौपाई के सुभद्रासतीचौपाई रचनाकार) आदिकेरचनाकार) धर्मतिमंत्रिचौपाई के रचयिता) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525052
Book TitleSramana 2004 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy