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________________ : श्रमण, वर्ष ५४, अंक १-३ / जनवरी-मार्च २००३ १२३ शर्तें एवं सुविधाएँ (१) जैन विद्या में स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि परीक्षाओं में बैठने के इच्छुक लोगों को प्रवेश आवेदन शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा फार्म शुल्क, परीक्षा शुल्क आदि व्यय स्वयं वहन करने होंगे । वस्तुतः ये परीक्षाएँ जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित की जाती हैं और वही उपाधि प्रदान करता है। प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड -: - शाजापुर इसे विविद्यालय का अध्ययन-अध्यापन एवं परीक्षा केन्द्र है जो आपके प्रवेश आवेदन-पत्र, परीक्षा आवेदन-पत्र को विश्वविद्यालय में प्रेषित करने के लिये अग्रेषित करेगा। इस हेतु आपको अग्रेषण शुल्क देना होगा। साथ ही यह केन्द्र आपको अध्ययन, मार्गदर्शन एवं पुस्तकालय की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराएगा। आवास एवं भोजन की सुविधा सशुल्क रहेगी। इस सम्बन्ध में सीमित आय वाले योग्य विद्यार्थियों को परीक्षा एवं आवास शुल्क में सहयोग राशि प्रदान की जा सकती है। छात्रवृत्ति ( स्कॉलरशिप) (२) जैन विद्या में उच्च अध्ययन के इच्छुकों को संस्था में रहकर ही उच्च अध्ययन करना होगा। इस हेतु उन्हें रुपये ३०००.०० (तीन हजार रुपये) प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जावेगी जिसमें से रुपये १०००.०० (एक हजार रुपये) प्रतिमाह भोजन और आवास सुविधा के लिये काटा जावेगा। यह छात्रवृत्ति तीन वर्ष की अवधि के लिये होगी। छात्रवृत्ति की निरन्तरता जैन विद्या के अध्ययन क्षेत्र में उसकी प्रगति के मूल्यांकन पर निर्भर होगी जिसके लिये विद्यापीठ प्रति तीसरे माह परीक्षा आयोजित करेगा जिसमें प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना अपरिहार्य होगा। छात्रवृत्ति के लिये चयनित विद्यार्थियों को प्राच्य विद्यापीठ शाजापुर के अकादमिक, पुस्तकालय एवं प्रबन्ध सम्बन्धी कार्यों को रुचिपूर्वक करने होंगे। इन कार्यों में उसकी योग्यता एवं क्षमता आदि को भी उसकी प्रगति के मूल्यांकन का एक अंश माना जावेगा। (३) उम्र एवं जाति का बन्धन नहीं, किन्तु जैन धर्म-दर्शन का पूर्व ज्ञान आवश्यक है एवं इस हेतु अभ्यर्थियों के मूल्यांकन हेतु पूर्व में एक परीक्षा आयोजित की जावेगी। कोई भी इच्छुक अपना आवेदन (जिसमें नाम, पता, शैक्षणिक योग्यता तथा अन्य कोई विशेष योग्यता की जानकारी हो तथा राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित अंकसूचियों, प्रमाण-पत्रों की सत्य प्रतिलिपियाँ संलग्न हों।) निम्न पते पर प्रेषित कर सकता है - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525048
Book TitleSramana 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2003
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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