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________________ अर्बुद मण्डल में जैनधर्म : ५७ पुण्य से पुण्यशाली पूर्णचन्द्र सूरिजी की कृपा से यह लेख लिखा गया। दूसरा उल्लेख विविधतीर्थकल्प में मंगथला के विषय में है कि यह मन्दिर भगवान् महावीर के जीवनकाल में निर्मित हो गया था। मुंगथला के मन्दिर के स्तम्भों पर से नौ लेख प्राप्त हुए हैं। मूल गभारे की मंगलमूर्ति के पास के लेख से यहाँ भगवान् महावीर के विचरण की पुष्टि होती है। पूर्व छउमथ्थकाले अर्बुदभुवि यमिनः कुर्वतः सविहारं सप्तत्रिंशे च वर्षे वहति भगवतो जन्मत: कारितास्ता: (सा)। श्री देवार्यस्य यस्योल्लसदुत्पलमयी पूर्णराजेन राज्ञा केशी सु (शिना) प्रतिष्ठः स जयति हि जिनस्तीर्थ मुण्डस्थलस्तु। सं (०) १४२६ संवत् श्री वीर जन्म ३७ श्री देवा जासू पू-न कारितम्। पूर्व में छद्मस्थकालने में भगवान् महावीर स्वामी आबू की भूमि पर विहार करते थे। उनके जन्म के ३७वें वर्ष में उल्लास भरी पाषाण की प्रतिमा पूर्णराज नाम के राजा के काल में बनी थी एवं केशी गणधर ने उसकी प्रतिष्ठा की थी। मुण्डस्थल तीर्थ में रहे जिनेश्वर भगवान् जयवन्त हों। सं० १४२६ (ई०स० १३६९) वीर जन्म से ३७ वर्ष श्री देवा जासू ने भरवायी। इस हकीकत के अनुसार श्री महेन्द्रसूरिजी ने संवत् १३०० (ई०स० १२४३) अपनी अष्टोतरीतीर्थमाला में इस प्रकार लिखा है अब्बुयगिरिवर मूले, मुंड स्थले नंदीरूक्ख अहभागे। छउमत्थ कालि वीरो अचल सरीरो ठियो पडिम।।९७।। तो पुन्नरायनामा, कोइ महप्पा जिणस्स भत्तीए, कारइ पडिमं वरिसे। सगतीसे (३७) वीर जम्माओ।।९८।। किंचूणा अट्ठारस वास सयाए य पवरतित्थस्स। तो मित्थ घण समीरं, थुणोमि मुंडस्थले वीरं।। ९९।। अर्बुद पर्वत के मूल में स्थित मुंगथला में नन्दीवृक्ष के नीचे छद्मस्थ अवस्था में महावीर ने कायोत्सर्ग अवस्था में तप किया। उस समय पूर्णराय नाम के किसी राजा ने जिन भक्ति से प्रभावित होकर वीर जन्म के ३७वें वर्ष में इस मुण्डस्थल प्रवर तीर्थ में महावीर की प्रतिमा की स्थापना की, मैं उस मुण्डस्थल के वीर की वन्दना करता हूँ। भीनमाल एवं मुंगथला के दोनों शिलालेखों की बात ही इस तीर्थमाला का विषय है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि भगवान् महावीर ने इस भूमि पर विचरण एवं चातुर्मास किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525047
Book TitleSramana 2002 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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