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________________ विद्यापीठ के प्रांगण में : १६१ श्री पदममुनि जी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० राजमणि शर्मा ने की। इस कार्यक्रम का संचालन विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ० अशोककुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम के अन्त में आगन्तुक अतिथियों के सम्मान में सहभोज का भी आयोजन रहा। गणिनी ज्ञानमती माताजी का शुभागमन दिगम्बर जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनी ज्ञानमती माताजी का विद्यापीठ में दिनांक २२ नवम्बर को ससंघ आगमन हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय विद्वान, दिगम्बर जैन समाज के गणमान्य व्यक्ति आदि उपस्थित थे। दिनांक २३ नवम्बर को प्रात:काल ८ बजे ज्ञानमती माताजी, चन्दनामती माताजी एवं क्षुल्लक श्री मोतीसागरजी ने विद्यापीठ के पुस्तकालय का अवलोकन किया। इस अवसर पर विद्यापीठ की ओर से गणिनी प्रमुख द्वारा रचित और विद्यापीठ के पुस्तकालय में उपलब्ध ग्रन्थों का भी प्रदर्शन किया गया जिससे आगन्तुक विद्वान् एवं समाज के लोग माताजी की विद्वत्ता एवं साहित्यसेवा से परिचित हो सकें। विद्यापीठ में रखे गये इन ग्रन्थों को देखकर माताजी ने कहा कि इसमें से कई ग्रन्थ तो उनके पास भी नहीं है। पुस्तकालय के अवलोकन के पश्चात् माताजी ससंघ यहाँ की कलावीथिका में भी पधारी। इस अवसर पर उन्होंने श्री सत्येन्द्र मोहन जैन से हाल में ही प्राप्त एक प्रतिमा का लोकार्पण भी किया। दोपहर ११ बजे आशीर्वाद/प्रवचन गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें नगर पूज्य ज्ञानमती माताजी पार्श्वनाथ विद्यापीठ संग्रहालय में पार्श्वनाथ की दुर्लभ प्रतिमा का अनावरण करते हुए। उनके बगल में खड़े हैं संग्रहालय के नियामक श्री सत्येन्द्र मोहन जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525047
Book TitleSramana 2002 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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