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अध्येताओं को पुरस्कार, प्रमाणपत्र आदि प्रदान किये गये ।
कर्मवाद पर आयोजित कार्यशाला सम्पन्न
अहमदाबाद ३० जून : अन्तर्राष्ट्रीय जैन विद्या अध्ययन केन्द्र, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद और नवीन इन्स्टीट्यूट ऑफ स्पिरिच्युअल सायकोलॉजी, अहमदाबाद के संयुक्त तत्त्वावधान में कर्मवाद पर ६ दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला दि० २५ जून से अहिंसा शोध संस्थान सभागार, गुजरात विद्यापीठ में प्रारम्भ हुई और ३० जून तक चली। इसमें कर्मवाद के विभिन्न १५ विषयों पर सुविख्यात् दार्शनिक प्रो० सागरमल जैन, अधिष्ठाता - पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, युवा विद्वान् एवं वरिष्ठ प्रवक्ता, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, डॉ० नन्दलाल जैन, रीवा तथा दो स्थानीय विद्वान् डॉ० चन्द्रहास त्रिवेदी एवं मणिभाई शाह और श्री नवीनभाई शाह ने प्रकाश डाला। कार्यशाला का समापन समारोह गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के कुलसचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ तथा अन्तर्राष्ट्रीय जैन विद्या अध्ययन केन्द्र की नियामक डॉ० पूर्णिमा एस० मेहता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(आचार्यसम्राट् (डॉ०) शिवमुनि जी महाराज का चातुर्मास दिल्ली में
श्रमण संघ के चतुर्थ पट्टधर आचार्य (डॉ० ) शिवमुनि जी म०सा०, उपप्रवर्तक श्री तारक ऋषि जी म०सा० आदि ठाणा ८ का वर्ष २००१ का चातुर्मास वीरनगर, दिल्ली में हो रहा है। आचार्यश्री एवं अन्य साधु-सतीवृन्दों के मंगल प्रवेश के अवसर पर २ जुलाई को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली की मुख्यमन्त्री माननीया श्रीमती शीला दीक्षित मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। चातुर्मास की अवधि में स्थानीय श्रीसंघ द्वारा विभिन्न शिविरों का भी आयोजन किया गया है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:
चातुर्मास काल में आयोजित साधना शिविर का विवरण ८ जुलाई, २००१ प्रातः १०.३० से ४.३०
१. "जीवन जीने की कला" एक दिवसीय ध्यान साधना शिविर २. स्वाध्याय शिविर
१६ से २५ जुलाई, २००१ सुबह : दोपहर १.३० से ३.३० रात्रि : ८.०० से १०.००
३. मौन, ध्यान एवं आत्म आलोचना सप्त दिवसीय शिविर
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१५ अगस्त से २१ अगस्त, २००१
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