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विषय-सूची
हिन्दी खण्ड १. अनेकान्तवाद : मूल्यपरक शिक्षा के एक यन्त्र के रूप में
१-१०
- डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय २. जैनतत्त्व चिन्तन की वैज्ञानिकता - डॉ० कमलेश कुमार जैन ११-१६ ३. वराङ्गचरित : एक महाकाव्य - श्री जीतेन्द्र कुमार सिंह १७-२० ४. अपभ्रंश साहित्य में पर्यावरण चेतना - डॉ० प्रेमचन्द्र जैन २१-२९ ५. पर्यावरण चिन्तन : जैन वाङ्मय के सन्दर्भ में
३०-३८
__ - डॉ० संगीता मेहता ६. जालोर मण्डल में जैन धर्म एवं उसके अध्ययन सम्बन्धी सोत । ३९-५६
- डॉ० सोहनकृष्ण पुरोहित ७. सादड़ी के प्रतिमालेख में उल्लिखित हेमतिलकसरि कौन?
५७-६०
- डॉ० शिवप्रसाद ८. राष्ट्रोत्थाने में प्रागैतिहासिककालीन जैन महिलाओं का योगदान ६१-६७
- डॉ० पुष्पलता जैन ९. रसशास्त्र के विकास में जैनाचार्यों का योगदान
६८-७४
-कु० अंजू श्रीवास्तव १०. धम्मिलकुमारचरित्र
- श्री भंवरलाल नाहटा ७५-९० ११. दीघनिकाय में व्यक्त सामाजिक परिवेश
९१-९४ - डॉ० दीनानाथ शर्मा
ગુજરાતી ખંડ ૧૨. ગુજરાતની કેટલીક પ્રાચીન જિનમૂર્તિઓ
64-65
- શ્રી સારાભાઈ મણિલાલ નવાબ. ૧૩. સિદ્ધસારસ્વતાચાર્ય અમરચંદ્ર સૂરિ – શ્રી કનૈયાલાલ ભાઈશંકર દવે ૯૭-૧૦૨
English Section 14. The influence of Svayambhūdeva's Paūmacariu on Puspadanta's Rāma-story in the Mahāpurana 103-121
-Miss. Eva De Clercq 15. The Jaina way of Life
- Duli Chand Jain 122-129 16. The Veda And Indian Philosophy- Dr. Kireet Joshi 130-140 17. Jaina Dutakävya
- Dr. Ashok Kumar Singh 141-153 १८. पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रांगण में
१५४-१५८ १९. जैन-जगत्
१५९-१६० २०. साहित्य-सत्कार
१६१-१६८ २१. निबन्ध-प्रतियोगिता
१६९-१७०
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