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४. काव्यादर्श, दण्डी, अनु०- ब्रजरतनदास, प्रका०- श्री कमल मणि
ग्रन्थमाला कार्यालय. बुलानाला, काशी वि०सं० १९८८. ५. काव्यालङ्कार, रुद्रट, नमिसाधुकृत टीका सहित, व्या०- श्री रामदेव शुक्ल,
प्रका०- चौखम्भा विद्याभवन, वाराणसी, प्रथम संस्करण १९६६ ई०. ६. काव्यानुशासन, हेमचन्द्र, सम्पा०- पं० शिवदत्त शर्मा, काशीनाथ पाण्डुरंग
परब, प्रका०- निर्णयसागर प्रेस, बम्बई वि०सं० १९३४. साहित्यदर्पण, विश्वनाथ, सम्पा०- पाण्डुरंग जवाजी, प्रकाo-निर्णय सागर
प्रेस, बम्बई ६ठाँ संस्करण, १९३६, ६/३/२०. ८. काव्यादर्श, वही.
काव्यालङ्कार, १/२०. १०. काव्यादर्श, १/१८. ११. काव्यादर्श, १/१४. १२. वराङ्गचरित, १/१-४. १३. साहित्यदर्पण, ६/३१७. १४. वही, ६/३१७. १५. काव्यादर्शन, १/१९. १६. साहित्यदर्पण, ६/३१४ काव्यानुशासन, ८/४३५. १७. दशरूपक, आचार्य धनञ्जय, व्या०- डॉ० भोलाशङ्कर व्यास, चौखम्भा
विद्याभवन, वाराणसी, वि०सं० २०२९. १८. काव्यादर्श, १/१६. १९. वराङ्गचरित, सर्ग १९/३६. २०. वही, सर्ग ८/३. २१-२२. वही, सर्ग १६/११. २३. वही, सर्ग ३१/४५. २४. काव्यालङ्कार, १/२०, काव्यादर्श, १/१७. २५. वराङ्गचरित, सर्ग १६/१०. २६. काव्यालङ्कार, २/१९. २७. काव्यादर्श, १/१८. २८. काव्यालङ्कार, १/२१, साहित्यदर्पण, ६/३१८, काव्यादर्श, १/१५. .
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