________________
६
(३४) सादड़ी मंडन (मारवाड़) श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिन स्तवन
नित्य नमु चिन्तामणी पारस, सेवा प्यारी रे, के दिल मां धारी रे, ... सादड़ी शहर में आप बिराजो,
मन्दिर मोटो भारी रे, .. देश-देश के यात्री आवे, आनंदकारी रे, के दिल मां धारी रे . नित्य ॥१॥
नगर बनारस जन्म लियो प्रभु,
वामादेवी माता रे,
देव सकल मिल स्नात्र करायो, हर्ष अपारी रे, के दिल मां धारी रे . नित्य ।।२।।
वरसीदान दइ संजम लीयो, ... धाती कर्म खपायो रे,
वीतराग हो केवल पाम्या, गुण गणकारी रे, के दिल मां धारी रे . नित्य ॥३॥
समोसरण में आप बिराजो, निरखत आनंद पाया रे,
वाणी थारी सकल जनों को, लागे प्यारी रे, के दिल मां धारी रे . नित्य ॥४॥
आत्म-कमल मां जिसने ध्याया,
सो शिवपुर को पाया रे,
लब्धिसूरि पाम्या श्री जिनवर, .. मुक्ति प्यारी रे, के दिल मां धारी रे . नित्य ॥५॥
(३५) श्री शंखेश्वर पार्थ जिन स्तवन पार्श्व शंखेश्वर स्वामी जिणंदवर, पार्श्व शंखेश्वर स्वामी,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org