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सन्दर्भ
भगवती प्रसाद खेतान, महावीर निर्वाणभूमि पावा - एक विमर्श। २. प्राचीन इतिहास विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित है।
नेमिनाथ शास्त्री, तीर्थंकर नेमिनाथ और उनकी देशना, पृष्ठ १६०। ४. ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव, देवरिया एवं पडरौना जिले की मृण्मुद्रायें,
७ जनवरी १९९६ को कुशीनगर में पठित शोधपत्र ।
सुमंगलविलासिनी, भाग २, पृष्ठ ५७३। ६. गव्यूतिस्तु क्रोश युगलम् - अमरकोश। ७. रामकुमार दीक्षित, कुशीनगर, पृष्ठ २९ ।
के०के० थापलियाल : स्टडीज इन एन्सिएन्ट इण्डियन सील्स, पृष्ठ २१४। ९. वही, पृष्ठ २०९। १०. के०एम० श्रीवास्तव : डिस्कवरी ऑफ कपिलवस्तु, पृष्ठ ८३-८६ ।
८.
पावा-वीरभारी
उत्तर
पडरौना
पश्चिम----- पूर्व
दक्षिण
फाजिलनगर
गोरखपुर --
-- कुशीनगर
सठियांव-→ तमकुही
वीरभारी
--वैशाली
मुद्रा
मुद्रा-छाप
71 0J→tor
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