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________________ १७७ भी की। वहां से लौटते हुए प्रो० भास्कर कुछ समय के लिये फरीदाबाद भी रुके और वहां उन्होंने प्रबन्ध समिति के माननीय सदस्यों को विद्यापीठ के गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। __ अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में खजुराहो में आयोजित संगोष्ठी में भी प्रो० भास्कर को आमन्त्रित किया गया, परन्तु व्यस्तता के कारण वे उसमें सम्मिलित न हो सके। १० अप्रैल को इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, शिमला में आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने के लिये प्रो० भास्कर वहां गये और उन्होंने Jain Version of Mahābhārata नामक शोधपत्र का वाचन किया। इसी संस्थान में १४-१५ अप्रैल को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में भी उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया। इसी बीच इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो० विनोदचन्द्र श्रीवास्तव से उनकी संस्था और पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में कतिपय शैक्षणिक कार्यक्रमों के आयोजन की सम्भावनाओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर उन्हें एक प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया जिस पर प्रो० श्रीवास्तव ने विद्यापीठ को हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया। शिमला से लौटते हुए प्रो० भास्कर नोएडा में रुके जहां उन्होंने महावीर जयन्ती के कार्यक्रम में भाग लिया। १७-१९ अप्रैल को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नई दिल्ली में प्राकृत विषय पर आहूत कार्यशाला में भी उन्होंने भाग लिया। . २० अप्रैल से निदेशक महोदय ने वाराणसी की गौरवमयी संस्था ज्ञानप्रवाह द्वारा मथुरा कला पर आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला का समापन ३० अप्रैल को हुआ। इस बीच भेलूपुर स्थित नवनिर्मित श्वेताम्बर जैन मन्दिर की प्राणप्रतिष्ठा हेतु पधारे पूज्य आचार्यश्री राजयशसूरि जी से विभिन्न अवसरों पर उन्होंने भेंट की और उनसे संस्थान में पधारने का आग्रह किया। २३ अप्रैल को भेलूपुर मन्दिर परिसर में आचार्यश्री के सानिध्य में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि १४-१५ मई २००० को पार्श्वनाथ विद्यापीठ और पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जन्मभूमि मन्दिर जीर्णोद्धार ट्रस्ट, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में आदर्श परिवार की परिकल्पना : धर्मशास्त्रों के परिप्रेक्ष्य में नामक एक संगोष्ठी और विद्वत्सम्मान समारोह आयोजित किया जाये। २३-२४ अप्रैल को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में पालि भाषा और साहित्य पर एक संगोष्ठी हई जिसमें विद्यापीठ के निदेशक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। ३० अप्रैल को ज्ञानप्रवाह में एक एकेडमिक बैठक हुई जिसमें उन्होंने एक नामित सदस्य के रूप में भाग लिया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के भव्य सभागार में ५ मई को प्रो० दीपक मलिक की अध्यक्षता में सामाजिक चेतना मंच और पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525040
Book TitleSramana 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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