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________________ १८३ डॉ0 हीरालाल जैन जन्मशताब्दी समारोह . TARI 8 प्राच्य विधाचार्य डॉ० हीरालाल जैन (५.१०.१४९९१3.3.१९७२) जैन धर्म-दर्शन, इतिहास, कला-पुरातत्त्व, प्राकृत-संस्कृत और अपभ्रंश साहित्य के शीर्षस्थ विद्वान, स्वनामधन्य डॉ० हीरालाल जैन की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके प्रशंसक विद्वत् समाज ने उन्हीं के नाम पर एक समिति का गठन किया है। इस समिति के तत्त्वावधान में ५.१०.९९ से ५.१०.२००० तक देश के विभिन्न स्थानों पर जन्म शताब्दी समारोह और विद्वत् संगोष्ठी मनाने और डॉ० साहब के सम्मान में जन्मशताब्दी स्मृतिग्रन्थ प्रकाशित करने का निर्णय किया है। इस स्मृतिग्रन्थ में डॉ० साहब द्वारा रचित साहित्य पर विश्व के शीर्षस्थ विद्वानों के समीक्षात्मक लेखों को विशेष रूप से स्थान दिया जायेगा। डॉ० साहब की जन्म शताब्दी के अवसर पर विद्वत् समाज द्वारा लिया गया उक्त निर्णय अत्यन्त प्रसंशनीय है। समिति ने इस स्मृतिग्रन्थ के प्रकाशन में ११०० रुपये या उससे अधिक सहयोग प्रदान करने वाले हितैषियों को स्मृतिग्रन्थ भेंट करने का भी निर्णय लिया है। इस पुनीत कार्य में समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है। सहयोगराशि का चेक अथवा ड्राफ्ट डॉ० हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह समिति, प्रदीप भवन, अग्रवाल कालोनी, जबलपुर ४८२-००२ के नाम भेजें। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525038
Book TitleSramana 1999 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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