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________________ धमण प्रस्तुत अहक में लेख पृष्ठसंख्या आचाराङ्ग के कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्र : एक विश्लेषण १-१० डॉ० सुरेन्द्र वर्मा प्रेक्षाध्यान एवं भावातीत ध्यान : एक चिन्तन डॉ० सुधा जैन ११-१६ यशस्तिलक चम्पू में आयुर्वेदीय स्वस्थवृत्त सम्बन्धी विषय १७-२६ आचार्य राजकुमार जैन प्राकृत वैद्यक (प्राकृत भाषा की आयुर्वेदीय अज्ञात जैन रचना) २७-५१ कुन्दन लाल जैन आचार्य हरिभद्रसूरिप्रणीत उपदेशपद एक अध्ययन ५२-६६ डॉ० फूलचन्द जैन प्रेमी' श्री जिनेन्द्र वर्णीजी द्वारा प्रणीत ‘पदार्थ विज्ञान' और उसकी विवेचन शैली ६७-७२ डॉ० कमलेश कुमार जैन गुरु का स्वरूप : गुरुतत्त्वविनिश्चय के विशेष सन्दर्भ में ७३-८५ डॉ० विजय कुमार जैन महावीर के सिद्धान्त : वर्तमान परिप्रेक्ष्य ८६.९० डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव शर्की-कालीन हिन्दी साहित्य के विकास में बनारसी दास का अवदान ९१-९५ डॉ० राजदेव दुबे प्राचीन भारत के प्रमुख तीर्थस्थल : बौद्ध और जैनधर्म के विशेष सन्दर्भ में (शोधप्रबन्ध-सार) राजेश कुमार ९६-१०१ जैन दर्शन में सृष्टि की अवधारणा अतुल कुमार प्रसाद सिंह १०२-१११ विधिपक्ष अपरनाम अंचलगच्छ (अचलगच्छ) का संक्षिप्त इतिहास ११२-१५३ शिव प्रसाद आधुनिक सन्दों में तीर्थहर-उपदेशों की प्रासङ्गिकता १५४-१५८ अनिल कुमार Vasanta in Prakrit Literature १५९-१७७ Dr. Veneemadhavashastri Joshi साहित्य-सत्कार १७८-१९१ जैन-जगत् . १९२-२०२ निबन्ध प्रतियोगिता २०३-२०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525037
Book TitleSramana 1999 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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