SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 206
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 203 - - पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा निबन्ध-प्रतियोगिता का आयोजन उद्देश्य __ पार्श्वनाथ विद्यापीठ नवयुवकों के बौद्धिक विकास एवं जैनधर्म दर्शन के प्रति उनकी जागरूकता को बनाये रखने के लिए एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ लम्बे समय से यह अनुभव कर रहा था कि लोगों को जैनधर्म दर्शन की यथार्थ जानकारी होनी चाहिये, क्योकि जैन दर्शन में विश्व दर्शन बनने की क्षमता है। इस निबन्ध प्रतियोगिता का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों में पठन-पाठन एवं शोध के प्रति रुचि पैदा की जाय, जो विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से ही सम्भव है। कौन प्रतियोगी हो सकते हैं कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय का हो या किसी भी उम्र का हो, इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के कर्मचारियां एवं उनके निकट सम्बन्धियों के लिये यह प्रतियोगिता प्रतिबन्धित हैं। विषय : २१वीं शताब्दी में जैनधर्म की प्रासंगिकता आयुवर्ग के आधार पर निबन्ध के लिए निर्धारित पृष्ठ संख्या १. १८ वर्ष तक - डबल स्पेस में फुलस्केप साइज में टङ्कित (Typed) पूरे चार पेज। २. १८ वर्ष के ऊपर – डबल स्पेस में फुलस्केप साइज में टङ्कित (Typed) पूरे आठ पेज। पुरस्कार निर्णायक मण्डल द्वारा चयनित प्रतियोगियों को निम्नानुसार पुरस्कार देय होगा१. १८ वर्ष तक के प्रतियोगी के लिए : प्रथम पुरस्कार २५०० रु, द्वितीय पुरस्कार १५०० रु. तृतीय पुरस्कार १००० रु. २. १८ वर्ष के ऊपर के प्रतियोगी के लिए : प्रथम पुरस्कार २५०० रु. द्वितीय पुरस्कार १५०० रु. तृतीय पुरस्कार १००० रु. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525037
Book TitleSramana 1999 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy