SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 120
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विधिपक्ष अपरनाम अंचलगच्छ (अचलगच्छ) का संक्षिप्त इतिहास : ११७ सर्वदेवसूरि यशोदेवसूरि जयचन्द्रसूरि शान्तिसूरि देवसूरि चन्द्रप्रभसूरि शीलगुणसूरि पद्मदेवसूरि भद्रेश्वरसूरि उपाध्याय विजयचन्द्र आदि ९ अपरनाम शिष्य आर्यरक्षितसूरि (वि०सं०१२०२ में आचार्यपद प्राप्त) यशश्चन्द्रगणि अपरनाम जयसिंहसूरि (वि०सं० १२६३/ई० सन० १२१७ में शतपदी अपरनाम प्रश्नोत्तरपद्धति धर्मघोषसूरि के रचनाकार) (वि०सं० १२९४/ई०स० १२३८ महेन्द्रसिंहसूरि में शतपदीसमुद्धार के रचनाकार) जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है आर्यरक्षितसूरि और जयसिंहसूरि द्वारा रचित . कोई कृति प्राप्त नहीं होती। जयसिंहसूरि के शिष्य धर्मघोषसूरि द्वारा प्राकृत भाषा में रचित शतपदी (वर्तमान में अनुपलब्ध) का ऊपर उल्लेख किया जा चुका है। ऋषिमण्डलप्रकरण भी इन्हीं की कृति है, जो उपलब्ध है। इनके पट्टधर महेन्द्रसिंहसूरि द्वारा रचित शतपदीसमुद्धार के अतिरिक्त अष्टोत्तरीतीर्थमाला, विचारसप्ततिका, मनःस्थिरीकरणप्रकरण, सारसंग्रह आदि कई कृतियां प्राप्त होती हैं।८ महेन्द्रसिंहसूरि के शिष्य एवं पट्टधर भुवनतुंगसूरि द्वारा रचित ऋषिमण्डलस्तोत्रवृत्ति, चतुःशरणवृत्ति, आतुरप्रत्याख्यानवृत्ति, सीताचरित्र, मल्लिनाथचरित्र, आत्मबोधकुलक, ऋषभदेवचरित, संस्तारकप्रकीर्णक-अवचूरि आदि कई रचनायें मिलती हैं। ___ महेन्द्रसिंहसूरि के दूसरे शिष्य और भुवनतुंगसूरि के गुरुभ्राता कविधर्म भी अपने समय के प्रसिद्ध विद्वान् थे। उनके द्वारा रचित जम्बूस्वामीचरित (रचनाकाल वि०सं० १३६६/ई०स० १३१०), स्थूलिभद्ररास, सुभद्रासतीचतुष्पदिका आदि कई कृतियां प्राप्त होती हैं। १° पट्टावलियों के अनुसार भुवनतुंगसूरि के पट्टधर सिंहप्रभसूरि हुए जिनके द्वारा रचित न तो कोई कृति मिलती है और न ही इस सम्बन्ध में कोई उल्लेख ही प्राप्त होता है। सिंहप्रभसूरि के पट्टधर अजितसिंहसूरि और अजितसिंहसूरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525037
Book TitleSramana 1999 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy