________________
श्रमण/जनवरी-मार्च/ १९९९ में मौलिक शोध को प्रोत्साहन देने हेतु ज्ञानोदय पुरस्कार की स्थापना की गयी है। वर्ष .१९९८ के पुरस्कार हेतु रामकथा संग्रहालय, अयोध्या के पूर्व निदेशक, प्रसिद्ध विद्वान् डॉ० शैलेन्द्र कुमार रस्तोगी की कृति - जैनधर्म कलाप्राण ऋषभदेव और उनके अभिलेखीय साक्ष्य को चुना गया है। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा शीघ्र आयोजित होने वाले समारोह में डॉ० रस्तोगी को ५ हजार रूपये नकद और प्रशस्ति पत्र पुरस्कार के रूप में प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
श्री अ० भा० साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर के अन्तर्गत स्व० प्रदीप कुमार रामपुरिया स्मृति साहित्य पुरस्कार
एवं स्व० चम्पालाल सांड़ स्मृति साहित्य पुरस्कार प्रतियोगिता १९९८-९९
( स्व० प्रदीप कुमार रामपुरिया स्मृति साहित्य पुरस्कार में पुरस्कृत की जाने वाली रचनाएं)
जैन धर्म और दर्शन, जैन इतिहास, कला एवं संस्कृति तथा जैन साहित्य (काव्य, कथा, निबन्ध, नाटक, संस्मरण एवं जीवनी) आदि के सम्बन्ध में लिखित कोई भी मौलिक ग्रन्थ । (स्व० चम्पालाल सांड साहित्य पुरस्कार में पुरस्कृत की जाने वाली रचनाएं)
नैतिकता, सदाचार, संस्कृति सम्बन्धित किसी भी उपाधि सापेक्ष एवं उपाधि निरपेक्ष लिखित शोध प्रबन्ध, शोध समीक्षा, कथा एवं सम्पादित-अनुवादित ग्रन्थ ।
पुरस्कार हेतु प्रकाशित अथवा अप्रकाशित दोनों ही प्रकारों की कृतियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। जनवरी १९९३ से पूर्व प्रकाशित कृतियाँ इन पुरस्कारों हेत् स्वीकार नहीं की जायेंगी। कृतियाँ हिन्दी, अंग्रेजी या गुजराती-किसी भी भाषा में होनी चाहिए। कृतियाँ भेजने की अंतिम तिथि २८ फरवरी १९९९ है। पुरस्कार हेतु अप्रकाशित या प्रकाशित कृतियों की चार-चार प्रतियाँ भेजनी आवश्यक है। प्रकाशित कृतियाँ लौटाई नहीं जायेंगी। चयनित कृति पर उसके लेखक को स्व० प्रदीप कुमार रामपुरिया स्मृति साहित्य पुरस्कार स्वरूप ५१०००/- रूपये नकद और प्रशस्ति पत्र दिये जायेंगे। स्व० श्री चम्पालाल सांड पुरस्कार प्राप्त कृति के लेखक को भी इसी प्रकार उतनी ही धनराशि और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जायेगा। कृतियाँ निम्नलिखित पते पर भेजें -
डॉ० सुरेश सिसोदिया प्रभारी एवं शोध अधिकारी आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान पद्मिनी मार्ग, राणाप्रतापनगर उदयपुर - राजस्थान ३१३००२