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तालिका - ४
तपागच्छ विजयसंविग्न शाखा का इतिहास (साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर निर्मित तपागच्छविजयसंविग्नशाखा के मुनिजनों के गुरु-परम्परा की तालिका)
(जगच्चन्द्र सूरि) वि० सं० १२८५ में तपागच्छ के प्रवर्तक (देवेन्द्र सूरि) (धर्मघोष सूरि) (सोमप्रभ सूरि) (सोमतिलक सूरि) (देवसुन्दर सूरि) (सोमसुन्दर सूरि) (मुनिसुन्दर सूरि) (रत्नशेखर सूरि) (लक्ष्मीसागर सूरि) (सुमतिसाधु सूरि) (हेमविमल सूरि) (आनन्दविमल सूरि) (विजयदान सूरि) (हीरविजय सूरि) (विजयसेन सूरि) (विजयदेव सूरि) (विजयसिंह सूरि) सत्यविजय गणि (वि० सं० १७१० में विजयसंविग्नशाखा के
प्रवर्तक, वि० सं० १७५६ में स्वर्गस्थ) कपूरविजय (वि० सं० १७५७ में संघनायक, वि० सं०
१७७५ में स्वर्गस्थ)