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तालिका-२
बूटेराय जी अपरनाम बुद्धिविजय जी
वृद्धिविजय जी
आचार्य विजयधर्म सूरि
विजयनेमि सूरि
आचार्य विजयेन्द्र सूरि
मुनि विद्याविजय जी (ऐतिहासिकरासमाला, भाग ४, सूरीश्वरअने सम्राट, प्राचीनलेखसंग्रह आदि कई ग्रन्थों के लेखक व संपादक)
मुनि जयन्तविजय जी आदि २४ शिष्य, आबू, भाग १-५, तथा अनेक जैन तीर्थों पर अत्यन्त प्रामाणिक ग्रन्थों के कर्ता
तपागच्छ विजयसंविग्न शाखा का इतिहास
आचार्य विजयदेव सूरि (वर्तमान गच्छाधिपति)