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________________ ४३० लेख Jain Education International श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अमिताभ वर्ष अंक २ ई० सन् १९६० पार्श्वनाथ के दो पट्टधर पार्श्वनाथ जन्मभूमि मंदिर, वाराणसी की पुरातत्त्वीय पृष्ठ २०-२१ वैभव ४१ प्रो० सागरमल जैन डॉ० शिवप्रसाद पिप्पलगच्छ का इतिहास ४७ " ७७-८८ ६५-८२ ८३-११७ ४८ ४-६ १०-१२ १-३ ९ १० ७-९ १९९० १९९६ १९९७ १९६६ १९५६ १९९२ १५ श्री अजित मुनि प्रो० देवेन्द्र कुमार डॉ० शिवप्रसाद १७ For Private & Personal Use Only ७ ३-५ २९-५१ ४३ पुष्कर के सम्बन्ध में शोध पुष्पदंत क्या पुष्पभाट थे ? पूर्णिमागच्छ का संक्षिप्त इतिहास पूर्णिमागच्छ-प्रधान शाखा अपरनाम ढंढेरिया - शाखा का संक्षिप्त इतिहास पूर्णिमापक्ष-भीमपल्लीयाशाखा का इतिहास पेथड़रास के कर्ता कौन प्रबन्धकोश में उपलब्ध आर्थिक विवरण प्रज्ञाचक्षु पं० सुखलाल संघवी प्रयाग-एक महान् जैन क्षेत्र प्राचीन ऐतिहासिक नगरी : जूना (बाड़मेर) प्राचीन जैन तीर्थ ओसियाँ १०-१२ ४-६ ४४ १९ ३८ श्री सनत्कुमार रंगाटिया श्री अशोककुमार सिंह श्री धनपति टुंकलिया श्री सुबोधकुमार जैन श्री भूरचंद जैन १९९२ १९९३ १९६८ १९८६ १९५६ १९७१ १९७४ १९७७ ४९-६६ २२-३५ १६-२० १७-२६ ३७-३९ १७-१९ १७-२१ ३०-३२ www.jainelibrary.org
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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