________________
२
Jain Education International
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक
वर्ष अंक २७६
ई० सन् १९७६ १९७६ १९७ १९७६ १९७५ १९७६ १९७६ १९५३ १९८१ १९७२ १९७८ १९६०
For Private & Personal Use Only
पृष्ठ २९-३१ २७-३० २९-३० ३७-३८ २९-३१ ३०-३२ ३३-३४ ११-१२ ७८-८६ २०-२१ ३-११ ५९-६२
२७
डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल आचार्य राजकुमार जैन श्री चम्पालाल सिंघई डॉ० भूपसिंह राजपूत श्री अगरचंद नाहटा
३२ २३
जैन साहित्य का नवीन अनुशीलन जैनाचार्यों द्वारा आयुर्वेद साहित्य में योगदान जैनों में सती प्रथा ज्योतिषशास्त्र और सन्मति वर्धमान महावीर ज्ञानार्णव (ग्रन्थ परिचय) तरंगलोला और उसके रचयिता से सम्बन्धित - भ्रान्तियों का निवारण तीर्थंकर प्रतिमाओं का उद्भव और विकास तित्थोगाली (तिर्थोद्गालिक) प्रकीर्णक की गाथा - संख्या का निर्धारण
Tr
पं० विश्वनाथ पाठक - डॉ० हरिहर सिंह
४६
१०-१२ १-२
१९९५ १९७३
१५-२३ ४३-५२
www.jainelibrary.org
अतुलकुमार प्रसाद सिंह
४७
१०-१२
१९९६
५३-६४