SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 50
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३९२ लेख Jain Education International वर्ष २९ ३० अंक २ १२ ई० सन् १९७७ १९७९ १९६२ १९५३ १९६८ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० मोहनलाल मेहता मुनि श्री कन्हैयालाल 'कमल' पं० बेचरदास दोशी डॉ० बशिष्ठ नारायण सिन्हा श्री अगरचन्द नाहटा राजमल पवैया डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ० कमल जैन डॉ० सुदर्शनलाल जैन आगमिक प्रकरण आगमिक व्याख्याएँ आगमों का आनुयोगिक-वर्गीकरण आगमों के सम्पादन में कुछ विचार योग्य प्रश्न आचार्य कुन्दकुन्द और उनका साहित्य आचार्य भद्रबाहु और हरिभद्र की अज्ञात रचनाएँ आचार्य मानतुंगसूरिविरचित भक्तामरकाव्य आचार्य वादिराजसूरि आचार्य सिद्धसेन दिवाकर की साहित्य साधना आचार्य हरिभद्र और उनका साहित्य । आचार्य हरिभद्र और धर्मसंग्रहणी - क्रमश: पृष्ठ ३-१३ ३-१७ ९-१२ २५-२९ १५-२१ २५-३१ १-४ २६-२९ ५-१४ १-१२ २१-२९ १६-२२ ३-१० १९७४ १९८२ १९६८ १९६८ १९९३ १९६९ १९६८ १९७१ २० २० श्री उदयचंद जैन २२ आचार्य हेमचन्द्र और कुमारपालचरित आचार्य हेमचन्द्र के पट्टधर आचार्य रामचद्र के अनुपलब्ध नाटकों की खोज अत्यावश्यक आचार्य हेमचन्द्र के योगशास्त्र पर एक प्राचीन टीका ११ ४ श्री अगरचंद नाहटा १८ १९६७ २१-२५ www.jainelibrary.org श्री जुगलकिशोर मुख्तार १८ ११ १९६७ २-१७
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy