SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक वर्ष अंक ई० सन् ३७१ पृष्ठ । Jain Education International ३९ ४२ १२ ४-६ २९ १० १२ For Private & Personal Use Only लेख आचारांग के शस्त्र परिज्ञा अध्ययन में प्रतिपादित षड्जीवनिकाय सम्बन्धी अहिंसा आचारांग में अनासक्ति आचेलक्य कल्प-एक चिन्तन आत्मशुद्धि और साधना का पर्व आत्मशुद्धि का पर्व - पर्युषण आत्मशोधन का महान् पर्व : पर्युषण आत्मोपलब्धि की कला : ध्यान आध्यात्मिक खोज आध्यात्मिक साधना और उसकी परम्पराएँ आहार दर्शन आहार-विहार में उत्सर्ग-अपवाद मार्ग का समन्वय आहार शुद्धि के लिए क्या करें ? ईर्यापथ-प्रतिक्रमण ईश्वरलालकृत “जैन निर्वाण : परम्परा और परिवृत' लेख में आत्मा की माप-जोख शीर्षकके अन्तर्गत उठाये गये प्रश्नों के उत्तर उतार-चढ़ाव के बीच उभरती अहिंसा डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय श्री रमेशमुनि शास्त्री श्री माईदयाल जैन श्री सरदारमल जैन श्री अगरचन्द नाहटा महोपाध्याय मुनि चन्द्रप्रभसागर पं० श्री बेचरदास दोशी कुमारी इन्दुला डॉ० कस्तूरनाथ गोस्वामी डॉ० सुदर्शनलाल जैन मुनिश्री निर्मल कुमार श्री धीरजलाल टोकरशीशाह १९८८ १९९१ १९७७ १९५९ १९६५ १९५१ १९९३ १९६० १९५९ १९८७ १९८९ १९६० १९५० ८-१५ ७३-८८ १८-२० २०-२१ ३४-३५ ७-१३ १-७ १३-१५ ११ ११ १० १० ३८८ ४० ९ ११ १० ७ २१-२२ ११-१५ १९-२० ३४-३६ १ www.jainelibrary.org श्री पुखराज भण्डारी श्री शरदकुमार साधक ४४ ३१ १-३ ४ १९९३ २८-३४ १९८०१५-१८
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy