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________________ E Jain Education International For Private & Personal Use Only श्री कृष्ण की जीवन झाँकी श्री जैनेन्द्र गुरुकुल, पंचकूला श्री पार्श्वनाथ विद्याश्रम श्री रंजनसूरिदेव की कुछ मोटी भूलें श्री रत्नमुनि : जीवन परिचय . श्री लालाभाई वीरचन्द देसाई ‘जयभिक्खु' संघर्ष और आलिंगन संघर्ष करना होगा संसार की चार उपमाएँ संसार के धर्मों का उदय संस्कृत कवियों के उपनाम सच्चा जैन सच्चा वैभव सत् का स्वरूप : अनेकान्तवाद और व्यवहारवादकी दृष्टि में सदाचार ही जीवन है सन्त श्री गणेशप्रसाद वर्णी सफलता के तीन तत्त्व Wry 22423930 श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक ___ वर्ष श्री विजयमुनि शास्त्री प्रो० इन्द्रचन्द्र शास्त्री २ श्री हरजसराय जैन श्री जुगलकिशोर मुख्तार १८ श्री विजय मुनि १५ श्री कस्तूरमल बांठिया १९ डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री श्री निर्मल कुमार जैन श्री प्रेमीजी डॉ० इन्द्र श्री जगन्नाथ पाठक श्री यशोविजय उपाध्याय श्री एस० कान्त .fmorror boor rum role ई० सन् १९५८ १९५१ १९५६ १९६७ १९६४ १९६८ १९६६ १९५४ १९५६ १९५४ १९६० १९५५ १९५५ ४९१ पृष्ठ ६-९ १५-२० ६३-८० ३०-३० १९-२८ २८-३७ २५-३२ १९-२३ १३-१४ २०-२५ १३-१७ २५-२६ १९-३५ www.jainelibrary.org डॉ० राजेन्द्रकुमार सिंह मुनिश्री रंगविजय जी श्री कैलाशचन्द्र शास्त्री डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री ___४१ १ १२ १२ १९९० १९५० १९६१ १९६१ १७-२५ ३५-३७ १६-१८ २८-३०
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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