SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 132
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४७४ Jain Education International लेख ____अंक ४६ १०-१२ ६ १० श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० प्रतिभा जैन डॉ० मोहनलाल मेहता श्री ऋषभदास रांका श्री लक्ष्मीनारायण 'भारतीय' मुनि महेन्द्रकुमार 'प्रथम' श्री चिमनलाल चकुभाई शाह प्रो० देवेन्द्रकुमार जैन पृष्ठ ३४-४१ ३९-४४ ६९-७२ २५-२८ २७-३० ३० ५२ For Private & Personal Use Only समकालीन जैन समाज में नारी समता और समन्वय की भावना समता के प्रतीक महावीर समता के संदेशदाता : भगवान् महावीर समताशील भगवान महावीर समदर्शी दार्शनिक समन्वय या सफाई समाज का धर्म समाज में महिलाओं की उपेक्षा-एक विचारणीय विषय समाजशास्त्र की पृष्ठभूमि में जैनों के सम्प्रदाय । सरस्वती पुत्र सर्वधर्म समभाव और स्याद्वाद सर्वधर्मसमानत्व की कुंजी सर्वोदय और राजनीति सर्वोदय और हृदय परिवर्तन साधु संस्था और लोकशिक्षण १३ ३१ १७ ३२ ३७ ११ १०. ई० सन् १९९५ १९५९ १९५८ १९६४ १९७९ १९८१ १९५२ १९६१ १९७९ १९६६ १९८१ १९८६ १९६० १९५८ १९५८ १९६१ डॉ० प्रेमचन्द्र जैन श्री लक्ष्मीनारायण 'भारतीय' श्रेष्ठी श्री अचलसिंह जी श्री सुभाषमुनि 'सुमन' श्री अमरमुनि जी श्री सतीशकुमार श्री बशिष्ठनारायण सिन्हा मुनिश्री नेमिचन्द जी u ya oro or m oor xosa ७-१० २१-२३ ८-१९ ११-१९ ५० १०-१५ १८ । २९-३१ ३२-३४ ३५-४० ३७ www.jainelibrary.org
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy