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________________ Jain Education International अंक प ६ ई० सन् १९५७ १९५९ १९६२ ७-८ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक वर्ष मुनि कन्हैयालाल जी 'कमल' ८ श्री वशिष्ठनारायण सिन्हा १० डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव १३ मुनिश्री नगराज जी ३८ पं० अमृतलाल शास्त्री मुनि वसन्तविजय पं० सुखलाल जी २६ डॉ० मंगलदेव शास्त्री श्यामवृक्ष मौर्य श्री ज्ञानमुनि १९८६ ४६२ लेख भगवान महावीर का व्यक्तित्व भगवान् महावीर का समन्यवाद भगवान् महावीर की जन्मकालीन परिस्थितियाँ भगवान् महावीर की तलस्पर्शिनी अहिंसा दृष्टि भगवान् महावीर की दिव्य देशना भगवान् महावीर की देन भगवान् महावीर की मंगल विरासत भगवान् महावीर की महामानवता भगवान् महावीर की व्यापक दृष्टि भगवान् महावीर के आठ संदेश भगवान् महावीर के आदर्श और यथार्थ की पृष्ठभूमि भगवान् महावीर के जीवन का एक भ्रान्त दृश्य भगवान् महावीर के निर्वाण का २५००वां वर्ष भगवान् महावीर-जीवन और सिद्धान्त भगवान् महावीर : जीवन सम्बन्धी प्रमुख घटनाएं भगवान् महावीर : समताधर्म के प्ररूपक For Private & Personal Use Only १९५७ १९६४ १९७४ १९६३ १९८४ १९६४ १७-२३ ४६-५० २२-२६ २-४ ३३-३४ ३७-४० ३-९ । ९-११ २९-३१ २८-३२ १४ ६ १५ मुनि श्री नगराज जी डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन श्री गोपीचंद धारीवाल श्री धर्मचन्द्र ‘मुखर' डॉ० मंगलप्रकाश मेहता पं० दलसुख मालवणिया www.jainelibrary.org २३ ६ ३६ १९८४ १९६४ १९७२ १९५५ १९८५ १९७४ २०-२२ ३३-४६ २६-३१ ३६-४० १२-१५ १८-२७ ६-७ १-२
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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