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________________ Jain Education International लेख वर्ष ३२ ८ २८ .& 555 or a x a ई० सन् १९८१ . १९५७ १९७७ १९९२ १९९६ १९७३ १९७२ ४५९ पृष्ठ । ३३ १२-१४ १९-२२ १३-१९ ११-१९ २४-२७ २९-३३ ४३ १०-१२ ४७ २४ २३ ११ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक प्रज्ञामूर्ति श्री रमेशमुनि जी शास्त्री प्रभावशाली व्यक्तित्व (मनोवैज्ञानिक लेख) श्री कोमल जैन प्राकृत हिन्दी कोश के महान् प्रणेता : पं०हरगोविन्ददास श्री अगरचन्द नाहटा प्रागैतिहासिक भारत में सामाजिक मूल्य एवं परम्पराएँ डॉ० जगदीशचन्द्र जैन प्राचीन जैन आगमों में राजस्व व्यवस्था डॉ० अनिलकुमार सिंह प्राचीन जैन ग्रंथों में कृषि डॉ० अच्छेलाल यादव प्राचीन जैन साहित्य में उत्सव-महोत्सव डॉ० झिनकू यादव प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन : एक अध्ययन श्रीमती कमलप्रभा जैन प्राचीन जैन साहित्य में शिक्षा का स्वरूप डॉ० राजदेव दुबे प्राचीन प्राकृत ग्रंथों में उपलब्ध भगवान् महावीर का जीवन चरित डॉ० के० ऋषभचन्द्र प्राचीन भारत में अपराध और दंड डॉ० प्रमोदमोहन पाण्डेय प्राचीन भारतवर्ष में गणतंत्र का आदर्श श्री कन्हैयालाल सरावगी प्राणप्रिय काव्य के रचयिता व रचनाकाल श्री अगरचंद नाहटा प्राणीमात्र के विकास का आधार जैनधर्म डॉ० महेन्द्रसागर प्रचंडिया बलभद्र और हरिण उपाध्याय अमरमुनि ३७ ३६ १९८६ १९८५ १०-१९ १६-२४ २८ २४ üa w w rara २४ १९७७ १९७३ १९७३ १९७२ १९८० १९८२ ३-१० १७-२१ ९-१२ १७-२० १६-१८ २३ ३२ www.jainelibrary.org
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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