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________________ Jain Education International वर्ष २२ अंक ४ २२ ५ 3 3 w For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक Dr. M. N. Tiwari श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री डॉ० मोहनलाल मेहता श्री सुबोध कुमार जैन श्री धन्यकुमार राजेश श्रीरंजन सूरिदेव श्री धन्यकुमार राजेश श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री उदयचन्द जैन प्रो० जी० आर० जैन डॉ० मोहनलाल मेहता श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ० हरिहर सिंह श्री गणेश प्रसाद जैन Dr. L. K. Bharatiya डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन श्री तेजसिंह गौड़ लेख Sarasvati in Jaina Sculpture प्राकृत जैन कथा साहित्य (क्रमश:) कर्मवाद का अन्य वाद उड़ीसी नृत्य और जैन सम्राट खारवेल जैन पुराणों में पुनर्जन्म की कथाएँ (क्रमश:) प्राकृत और उसका विकास स्त्रोत जैन पुराणों में पुनर्जन्म की कथाएँ (क्रमश:) प्राकृत जैन कथा साहित्य जैन साहित्य में शिशु कर्मों का फल देने वाला कम्प्यूटर आगम साहित्य में कर्मवाद भगवान् अरिष्टनेमि की ऐतिहासिकता तीर्थक्षेत्र शत्रुजय दास, दस्यु और पणि Sociology in Jain Literature सिरिपालचरिउ : एक मूल्याकंन मांडव : एक प्राचीन जैनतीर्थ ** # # # # # w ८३ पृष्ठ २५-२८ ३-१० ११-२० २१-२२ २३-३१ ३-९ १०-१५ १६-२१ २२-२९ ३०-३२ ४-१२ १३-१८ १९-२५ २६-३० ३१-३७ ३-७ ८-१२ ई० सन् १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ r 9 9 9 9 9 v www.jainelibrary.org v
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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