SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 76
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लेख ___ वर्ष Jain Education International अंक १२ ई० सन् १९६७ पृष्ठ । १९-२६ १८ १२ १-२ १९ १९ १-२ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक आचार्य हरिभद्रसूरि प्राकृत के एक सशक्त कथाकार श्री प्रेमसुमन जैन अष्टलक्षी में उल्लिखित जयसुन्दरसूरि की शतार्थी की खोज आवश्यक श्री अगरचन्द नाहटा श्रीरंजन सूरिदेव की कुछ मोटी भूलें श्री जुगलकिशोर मुख्तार पुष्पदन्त का कृष्ण काव्य डॉ० देवेन्द्र कुमार तप क्या है। पं० बेचरदास दोशी बौद्ध और जैन आगमों में जननी सौ० सुधा राखे सम्यग्दर्शन श्री गोपीचन्द धाड़ीवाल भगवान् महावीर की २५वीं निर्वाणशती कैसे मनायें श्री नन्दलाल मारु पार्वाभ्युदयकाव्य : विचार-वितर्क डॉ० श्रीरंजन सूरि देव अपभ्रंश कथाकाव्यों का हिन्दी प्रेमाख्यानों के शिल्प पर प्रभाव श्री प्रेमचन्द जैन । अध्यात्मवाद : एक अध्ययन श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री श्रमण भगवान् महावीर का जन्मस्थान श्री नरेश चन्द्र मिश्र 'भंजन' पेथड़रास के कर्ता कौन श्री सनत्कुमार रंगाटिया बौद्ध और जैन आगमों में नारी जीवन : एक और स्पष्टीकरण डॉ० कोमलचन्द जैन मगध साम्राज्य का प्रथम सम्राट श्रेणिक श्री गणेश प्रसाद जैन १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ २७-२९ ३०-३३ ३-१३ १४-१९ २०-२६ २७-३१ ३२-३६ ३९-४२ १-२ به ر ا م ४३-५३ ५४-६४ १९६७ १९६७ १९६८ १९६८ ३-१५ १९ الله له १६-२० www.jainelibrary.org १९३ १९६८ १९६८ २३-२४ २५-३४
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy