SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 69
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International अंक १-२ १७ १-२ १७ १७ १-२ ३ ३ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक दिगम्बर परम्परा में श्रावक के गुण और भेद श्री कस्तूरमल बांठिया जैन और बौद्धआगमों में गणिका श्री कोमलचन्द जैन लब्धियां श्री अम्बालाल प्रेमचंद शाह उपासक प्रतिमायें डॉ० मोहनलाल मेहता पउमसिरीचरिउ के मूलस्रोत्र (क्रमश:) डॉ० के० ऋषभचन्द्र समाजशास्त्र की पृष्ठभूमि में जैनों के सम्प्रदाय श्री लक्ष्मी नारायण 'भारतीय' संघर्ष और आंलिगन डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री जैनधर्म में मानवतावाद श्री कस्तूरचन्द ललवानी Concept of Aimsa in the Shantiparvan Shri Bashistha Narayan Sinha श्वेताम्बर-परम्परा में श्रावक के गुण और भेद । श्री कस्तूरमल बांठिया पउमसिरिचरिउ के मूल स्रोत्र । डॉ० के० ऋषभचन्द्र धर्म : मेरी दृष्टि में मुनि श्री नेमिचन्द्र जी लब्धिफल श्री अम्बालाल प्रेमचन्द शाह अपभ्रंश की पूर्वस्वयंभूयुगीन कविता डॉ० देवेन्द्र कुमार संवर और निर्जरा श्री गोपीचन्द धाड़ीवाल धर्म और विज्ञान आचार्य रजनीश संस्कृत साहित्य के इतिहास के जैन सम्बन्धित संशोधन श्री अगरचन्द नाहटा १७ १७ १७ १७ ई० सन् १९६५ १९६५ १९६५ १९६५ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ पृष्ठ ५६-६६ ६७-७२ ७३-८४ ८५-८८ ३-८ ११-१९ २०-२४ २५-३२ ३३-४० ३-१४ १६-२३ २४-२८ २९-३९ ५-९ ११-१७ १८-२१ २२-२६ १७ १७ १७ ५ १७५ www.jainelibrary.org १७ ५
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy