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________________ Jain Education International ई० सन् 1962 13 W or 6 or पृष्ठ 24-25 1-4 9-13 26-30 32-36 1-3 4-5 W or or 13 W or For Private & Personal Use Only लेख प्राकृत भाषा के चार कर्मग्रन्थ क्षमापना दिन श्रमण संस्कृति में क्षमा वीतराग की उपासना धर्ममय समाज रचना की आधारशिला क्षमापना गांधीजी : व्यक्तित्व और नेतृत्व जैन चेयर की आवश्यकता अरविन्द का अनेकान्त दर्शन सुधार का मूलमंत्र जीवन तो संयम ही है काव्य का प्रयोजन : एक विमर्श व्रत का मूल्य संथारा आत्महत्या नहीं है हिंसा का बोलबाला भगवान् महावीर और दीवाली भगवान् महावीर का निर्वाण उपाध्याय कवि श्री अमर मुनि श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचन्द नाहटा श्री लक्ष्मीनारायण भारतीय श्री कानजी भाई पटेल श्री ज्ञानमुनि जी मुनिश्री नेमिचन्द जी श्री श्रीप्रकाश श्री शरद कुमार ‘साधक' श्री श्रीप्रकाश दुबे श्री जुगलकिशोर मुख्तार प्रो० दरबारी लाल कोठिया श्री गंगासागर राय डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री श्री दलसुख मालवणिया श्री ताराचन्द्र मेहता डॉ० ज्योति प्रसाद जैन श्री महेन्द्र कुमार शास्त्री श्री विजय मुनि जी 13 13 12 12 6-8 w W 13 13 13 12 12 12 : 12 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 1962 21-24 25-27 29-34 35-39 6-7 8. 9-13 15-23 0 or www.jainelibrary.org 141 . 14 141 1
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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