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________________ डॉ० दीनानाथ शर्मा डॉ० अशोक कुमार सिंह डॉ० श्री प्रकाश पाण्डेय श्रमण : अतीत के झरोखे में पंचाशक प्रकरण (हिन्दी अनुवाद) दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति नवतत्त्व प्रकरण (अंग्रेजी अनुवाद) सिद्धसेनदिवाकर : व्यक्तित्त्व एवं कृतित्त्व वसुदेवहिन्डी : एक समीक्षात्मक अध्ययन पंचाध्यायी में प्रतिपादित जैन दर्शन डॉ० श्री प्रकाश पाण्डेय डॉ० कमल जैन डॉ० मनोरमा जैन इसके अतिरिक्त इस अवसर पर एक भव्य स्मारिका का भी प्रकाशन किया गया, जिसमें विगत ६० वर्षों के विद्यापीठ के विकास के इतिहास का लेखा-जोखा, विद्वानों के अभिमत, विद्यापीठ द्वारा तैयार कराये गये शोध प्रबन्धों के सार आदि का विस्तृत विवरण है। सम्पूर्ण कार्यक्रम में नवयुवक मंडल, भेलूपुर और बुलानाला एवं जैन मिलन के कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया। विद्यापीठ के नवीन प्रकाशनों के प्रूफ संशोधन, सम्पादन आदि कार्यों में सभी अध्यापकों विशेषकर डॉ० अशोक कुमार सिंह, डॉ० श्री प्रकाश पाण्डेय, डॉ० सुधा जैन, डॉ० विजय कुमार जैन, डॉ० असीम कुमार मिश्र, श्री ओमप्रकाश सिंह आदि ने अथक परिश्रम किया जिससे अल्पकाल में ही उक्त ग्रन्थों का सुन्दर एवं त्रुटिरहित प्रकाशन सम्भव हो सका। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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