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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख रमेश कुमार जैन भगवान् पार्श्वनाथ का निर्वाण पर्व रमेशचन्द्र गुप्त श्रमण : अतीत के झरोखे में वर्ष जैन धर्म में अरिहन्त और तीर्थंकर की अवधारणा तीर्थंकर, बुद्ध और अवतार की अवधारणा का तुलनात्मक अध्ययन सर्वोदय रमेशचन्द्र जैन आदिपुराण में राजनीति जैन दर्शन में पुद्गल द्रव्य जैनधर्म और बौद्धधर्म जैन न्याय दर्शन : समन्वय का मार्ग जैन राजनीति में दूतों और गुप्तचरों का स्वरूप द्विसन्धान महाकाव्य में राज्य और राजा का स्वरूप प्राकृत भाषा और जैन आगम प्राकृत साहित्य में श्रीदेवी की लोकपरम्परा पद्मचरित और पउमचरिउ पं० जोधराज कासलीवाल और उनका सुखविलास पद्मचरित और हरिवंशपुराण ३८ ३४ ३६ ९ २७ २५ २८ २६ २७ २५ ३८ २८ २४ २५ २३ अंक १० ४ १० ६-७ ८ ४ १० ४ ई० सन् १९८७ १९८३ १९८५ १९५८ १९७६ १९७४ १९७७ १९७५ १९७६: १९७४ १९८७ १९७७ १९७३ १९७४ १९७२ पृष्ठ २-५ २८७ ५-९ २७-३७ १२-१६ ३-१३ ८-१५ ३-११ २३-२७ १६-२४ ३-१२ १६-२२ २१-२५ ३-७ १४-१७ ३-७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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