SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 115
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १११ वर्ष अंक Jain Education International م ई० सन् १९७७ १९७७ पृष्ठ ३-८ ९-१४ م مم مم २९ २९ २९ २९ २९ مه श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक संस्कृत साहित्य में अभ्युदय नामन्त जैन काव्य श्री जयकुमार जैन विपाकसूत्र के आख्यान : एक विहंगावलोकन श्री जमनालाल जैन तर्कप्रधान संस्कृत वाङ्मय के आदि प्रेरक : सिद्धसेन दिवाकर श्री मोहन रत्नेश मेघविजय के समस्यापूर्ति काव्य श्री श्रेयांसकुमार जैन * जैन दर्शन में समता श्री अभयकुमार जैन चित्तौड़ का जैन कीर्तिस्तम्भ श्री भूरचन्द जैन आगमिक प्रकरण डॉ० मोहनलाल मेहता जैन दर्शन श्री उदय मुनि आचेलक्य कल्प-एक चिन्तन श्री रमेशमुनि शास्त्री दशाश्रुतस्कन्ध के विविध संस्करण एवं टीकाएं श्री अगरचन्द नाहटा पार्श्वनाथचरित में राजनीति और शासन-व्यवस्था श्री जयकुमार जैन प्राचीन जैन तीर्थ ओसियाँ श्री भूरचन्द जैन उत्तराध्ययन : नामकरण व कर्तृव्य श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री क्या ‘रूपकमाला' नामक रचनाएँ अलंकार शास्त्र सम्बन्धी हैं ? श्री अगरचन्द नाहटा जैनकला विषयक साहित्य डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन Origin and Development of Tirthankara Images Dr. Harihar Singh योग का जनतन्त्रीकरण प्रो० श्रीरंजन सूरिदेव For Private & Personal Use Only १९७७ ।। १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १५-१६ १७-२२ २३-३३ ३४-३५ ३-१३ १४-१७ १८-२० २१-२४ २५-२९ ३०-३२ ३-११ १२-१७ १८-२१ २२-३० ३-७ به به به به به به به سه سه به سه » २९ २९ १९७७ www.jainelibrary.org २९ २९ २९४ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy