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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख मंदिरों के झगड़े और जैन समाज भगवान् महावीर का आदर्श और हम अपरिग्रहवाद (क्रमशः ) बनारस से जैनों का सम्बन्ध जैन धर्म और वर्ण व्यवस्था दो प्रेमियों की यह दीक्षा खोज सम्बन्धी कुछ अनुभव और समस्यायें शीलव्रतग्रहण आचार्य हेमचन्द्र स्वामी केशवानन्द आप सम्यग्दृष्टि हैं या मिथ्यादृष्टि धर्म के स्थान पर संस्कृति नारी की प्रतिष्ठा भक्तिमार्ग का सिंहावलोकन सोमनाथ गीता संज्ञक जैन रचनाएं यह धर्म प्राण देश है जीवित साहित्य की वाणी श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक ऋषभदास रांका श्रीमती कांता जैन श्री रघुवीरशरण दिवाकर पं० दलसुख मालवणिया पं० फूलचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री मोहनलाल मेहता डॉ० धीरेन्द्र वर्मा श्री रघुवीरशरण दिवाकर श्री गुलाबचन्द्र चौधरी स्वामी सत्यस्वरूप जी प्रो० इन्द्र काका कालेलकर श्री किशोरी लाल मशरूवाला पं० दलसुख मालवणिया श्री किशोरी लाल मशरूवाला श्री अगरचन्द नाहटा श्री रघुवीरशरण दिवाकर श्री विजय मुनि वर्ष २ अंक ६ १) ७ ७ ७ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ९ ९ ई० सन् १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ पृष्ठ २८-३२ ३३-३६ ९-१४ १५-१८ २०-२६ २७-२९ ९-१२ १२-१३ १६-२४ २६-३१ ३२-३६ ३६ ४-८ ९-१५ १८-२३ २५-२७ २८-३० ३६-३७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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