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10) : श्रमण/अक्टूबर-दिसम्बर/१६६७
का बहुमान किया गया। इस अवसर पर पूज्य गणिवर्य जी द्वारा प्रणीत बहुरला वसुंधरा, भाग ३-४ और भाग १-४ के संयुक्तांक का भी विमोचन किया गया। श्री श्रेणिक कस्तूर भाई, श्री किशोर एम० वर्धन आदि अनेक गण्यमान्य व्यक्ति इस समारोह में उपस्थित थे।
श्री हस्तिमलजी मुणोत अध्यक्ष निर्वाचित
हैदराबाद २१ सितम्बर अखिल भारतीय श्वे० स्थानकवासी जैन कान्फ्रेन्स द्वारा आयोजित सम्मेलन के अवसर पर श्री हस्तिमल जी मुणोत सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किये गये। इस अवसर पर निवर्तमान अध्यक्ष श्रीवंकटलालजी कोठारी, श्री रतनचंदजी वोहरा, श्री नृपराजजी जैन, श्री जे०डी० जैन, श्रीसम्पतलाल जी डूंगरवाल आदि ने माल्यार्पण कर श्री मुणोत का अभिनंदन किया। श्री मुणोत द्वारा इस अवसर पर उपयोगी ३१ सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की गयी।
अहिंसा इन्टरनेशनल वार्षिक पुरस्कार अहिंसा इन्टरनेशनल द्वारा निम्न तीन वार्षिक पुरस्कारों (वर्ष १६६७) के लिए नाम आमंत्रित हैं: १. २१,०००/- का अहिंसा इन्टरनेशनल डिप्टीमल जैन साहित्य पुरस्कार
यह जैन साहित्य के विद्वान् को उनके समग्र साहित्य अथवा एकल कृति की श्रेष्ठता के आधार पर दिया जाएगा। (लिखित पुस्तकों की सूची तथा अपनी एकल कृति
या दो श्रेष्ठ पुस्तकों का भेजना आवश्यक है।) २. ११,०००/- का अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन शाकाहार पुरस्कार
यह शाकाहार प्रसार के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मठ कार्यकर्ता को उनके कार्य की
श्रेष्ठता के आधार पर दिया जाएगा। ३. ११,०००/- का अहिंसा इन्टरनेशनल रघुबीरसिंह जैन जीव रक्षा पुरस्कार यह
जीवरक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मठ कार्यकर्ता को उसके कार्य की श्रेष्टता के आधार पर दिया जाएमा। नाम का सुझाव स्वयं लेखक/कार्यकर्ता/संस्था अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा ३० नवम्बर, १९६७ तक निम्न पते पर लेखक/कार्यकर्ता के पूरे नाम व पते, जीवन-परिचय (संबंधित क्षेत्र में कार्य सहित) व पासपोर्ट आकार के फोटो सहित आमंत्रित है। पुरस्कार २२ फरवरी, १६६८ को नई दिल्ली में रजत जयंती समारोह पर भेंट किए
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