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________________ १२१ : श्रमण/ जुलाई-सितम्बर, १९९७ , श्रीसमयसारविधान : प्रस्तोताः श्रीराजमल पवैया, संपा० डॉ० देवेन्द्र कुमार शास्त्री, नीमच; संयोजक तथा प्रकाशक : श्री भरतकुमार पवैया, तारादेवी पवैया ग्रन्थमाला, ४४, इब्राहीमपुरा, भोपाल - ४६२ ००१; संस्करण : प्रथम, सन्, १९९५ ई०; वीर-संवत् २५२१, पृ० सं० ४७२ ; मूल्य: पच्चीस रुपये । जैनशास्त्र के अध्ययन-अनुशीलन के क्षेत्र में शास्त्रदीक्षित काव्यमर्मज्ञ विद्वान् श्रीराजमल पवैया के नाम का क्रोशशिलात्मक मूल्य है, जिन्होंने दिगम्बर-सम्प्रदाय के धर्म, दर्शन और आचार से सन्दर्भित शताधिक शास्त्रीय ग्रन्थों का कर्मकाण्डीकरण करके उन्हें जैन समाज की नित्य-नैमित्तिक पूजा-उपासना का अंग बना दिया है । प्राकृत जैनशास्त्र के आधिकारिक ग्रन्थों में शलाकापुरुषोपम आचार्य कुन्दकुन्द, के 'समयसार' का महत्त्व सर्वविदित और सर्वस्वीकृत है, जिसका प्राज्ञवर पवैयाजी ने "श्रीसमयसार विधान' के नाम से कर्मकाण्डीकरण किया है । इस रचना-विधि में पवैयाजी का पाण्डित्य तो प्रदर्शित हुआ ही है, उनका कवि और कर्मकाण्डाचार्य का भी विलक्षण व्यक्तित्व एक साथ उद्भावित हुआ है । पवैयाजी की रचना-पद्धति का प्रयोग-प्रकार 'समयसार' की दूसरी गाथा के प्रसंग में द्रष्टव्य है : "प्रथम गाथा में समय का प्राभूत कहने की प्रतिज्ञा की है, इसलिए यह आकांक्षा होती है, समय क्या है । अतएव पहले उस समय को ही कहते हैं : १. जीवो चरित्तदंसणणाणंट्ठिदो तं हि ससमयं जाण । पोग्गलकम्मपदेसट्ठिदं च तं जाण परसमयं ॥२॥ २. ओं ह्रीं दर्शनज्ञानचरित्र स्वरूप-कारण-समयसाराय नमः ॥ कारण समयसार-स्वरूपोऽहं । छन्द मानव जो दर्शन ज्ञान चरित में थित हैं निश्चय से स्वसमय । जड़ पुद्गल कर्म प्रदेशों में थित हैं वही परसमय ।। निज समयसार वैभव को अंतर में प्रगटाऊँगा । मैं कारण कार्य समय हूँ आपूर्ण सौख्य पाऊँगा ।। पर समयी जो होते हैं, वे भवपीड़ा पाते हैं। जो स्वसमयी होते हैं, वे सुख अनन्त पाते हैं ।। निज समयसार की महिमा प्रभु अन्तरंग में आए । मैं समयसार बन जाऊँ भव बन्धन सब कट जाए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525031
Book TitleSramana 1997 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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