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श्रमण
जैन जगत्
डॉ०सुदर्शनलाल जैन प्रोफेसर पद पर नियुक्त पार्श्वनाथ विद्यापीठ के भूतपूर्व शोधछात्र, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् के मन्त्री डॉ० सुदर्शन लाल जैन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर पद पर नियुक्त हुये हैं। यह नियुक्ति सन् १९९२ से मान्य है। इस सम्मानपूर्ण पद प्राप्ति के लिए डॉ० जैन को हार्दिक बधाई।
प्रोफेसर जैन विगत १९६८ से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में अध्यापन कार्य कर रहे हैं तथा सन् १९९२ से १९९५ तक संस्कृत विभाग के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित कर चुके हैं। संस्कृत, प्राकृत एवं पालि भाषाओं के विद्वान् प्रोफेसर
जैन के निर्देशन में अब तक २६ शोध-प्रबन्ध लिखे जा चुके हैं और १० शोधछात्र वर्तमान में शोधकार्य में संलग्न हैं।
__ आपने अब तक लगभग एक दर्जन पुस्तकों का लेखन, सम्पादन एवं हिन्दी अनुवाद किया है। 'उत्तराध्ययन का समीक्षात्मक अध्ययन' नामक महत्त्वपूर्ण शोध-प्रबन्ध एवं मौलिक कृति 'देव, शास्त्र और गुरु' - इन दो ग्रन्थों के विद्वत्तापूर्ण लेखन हेतु उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी (लखनऊ) द्वारा क्रमश; सन् १९७१ एवं सन् १९९५ में आपको सम्मानित किया जा चुका है।
पार्श्वनाथ विद्यापीठ की तरफ से डॉ०जैन को ढेर सारी बधाइयाँ। इस उपलब्धि पर संस्थान के भूतपूर्व शोधछात्र डॉ० कमलेश कुमार जैन, प्राध्यापक, जैन दर्शन, प्राच्य विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय, का०हि०वि०वि० ने अग्रज डॉ०जैन को बधाई दी है।
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