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________________ Jain Education International विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ४१६ वही, लेखाङ्क ४१५ १२३४ १२३. १५२८ वैशाख वदि.... गुणरत्नसूरि सोमवार के पट्टधर । गुणसागरसूरि १२४. १५२८ वैशाख सुदि ३ विजयदेवसूरि शनिवार के पट्टधर । शलिभद्रसूरि १२५. १५२८ वैशाख सुदि १२ गुणरत्नसूरि सोमवार के पट्टधर गुणसागरसूरि १२६. १५२८ माघ वदि ६ उदयदेवसूरि शुक्रवार के पट्टधर रत्नदेवसूरि १२७. १५२९ आषाढ़ सुदि ५ गुणसागरसूरि गुरुवार For Private & Personal Use Only चन्द्रप्रभ की · धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख कुंथुनाथ की वर्धमानशाह का धातुप्रतिमा का शांतिनाथ देरासर, लेख जामनगर सुविधिनाथ की शांतिनाथ जिना०, धातु की पंचतीर्थी माणिक चौक, खंभात प्रतिमा का लेख शांतिनाथ की चन्द्रप्रभ जिनालय, प्रतिमा का लेख जैसलमेर मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग-२, लेखाङ्क ९८७। नाहर, पूर्वोक्त, भाग ३, लेखाङ्क २३५० पिप्पलगच्छ का इतिहास आबू,भाग-५,लेखाङ्क४९३ www.jainelibrary.org शीतलनाथ की शांतिनाथ जिना०, धातु की पंचतीर्थी दीयाणा प्रतिमा का लेख कुंथुनाथ की स्तंभन पार्श्वनाथ धातु प्रतिमा जिना०, खारवाडो का लेख खंभात १२८. १५२९ माघ सुदि ५ रविवार अमरचन्द्रसूरि के उपदेश से सर्वदेवसूरि बुद्धिसागर,पूर्वोक्त,भाग-२, लेखाङ्क १०५१ : ९१ .
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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