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(I)
यातायात का अवरुद्ध होना ।
(II) शहर का प्रदूषण या दूषित वातावरण ।
(III) कॉफी का पांचवाँ प्याला ।
(IV) वे दुकानदार, जो जवाब न दें । क्रोधित अधिकारी |
(v)
इनके अतिरिक्त भी कुछ बाह्य कारण और हैं, जो इस प्रकार हैं(I) वे काम, जिनके सम्पत्र होने के आसार नहीं दिखाई देते हैं। (II) वे बच्चे, जो बातों पर कभी ध्यान नहीं देते।
(III) वे व्यक्ति, जो निरन्तर अपनी गलतियों को छुपाने में ही लगे रहते हैं ।
तनाव के कारणों पर प्रकाश डालते हुए डाँ० होम्स (Dr. Holmes) और डॉ० आर० राहे (Dr. R. Rahe) ने भी जीवन शैली के परिवर्तनों के सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य दिये हैं, जो इस प्रकार हैं
.१३
क्र.सं.
२.
३.
४.
तनाव : कारण एवं निवारण
५.
६.
७.
८.
९.
१०.
घटना
दम्पति में से किसी एक की मृत्यु
तलाक
चोट या बीमारी
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विवाह
कार्य से निष्कासन
सेवानिवृत्ति
लैंगिक समस्याएं
कार्य (व्यवसाय) में परिवर्तन
जीवन की स्थितियों में परिवर्तन
सोने या आहार सम्बन्धी आदतों में परिवर्तन
अंक
१००
७३
५३
उपर्युक्त तालिका में दी गई घटनाओं के अंक सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू नहीं होते, फिर भी इन कारणों से तनाव तो अवश्य ही उत्पन्न होता है, चाहे उसका कितना ही प्रतिशत क्यों न हो। यदि इनका योग ३०० हो जाता है तो उसे महातनाव से ग्रसित माना जाता है। इस तरह अंकों के आधार पर तनाव के कारणों की तीव्रता - मंदता का भी निर्धारण हो जाता है।
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५०
४७
४५
३९
२९
२५
१६
जैन दृष्टि में तनावों का मूल कषाय को माना गया है। कषाय 'कष' और 'आय' इन दो शब्दों के योग से बना जैन धर्म का एक पारिभाषिक शब्द है, १४ जिसका अर्थ
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