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________________ श्रमण दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति में इङ्गित दृष्टान्त डॉ०अशोक कुमार सिंह जैनपरम्परा में प्राचीन काल से ही जन-जन के अन्तर्मानस में धर्म, दर्शन और अध्यात्म के सिद्धान्तों को प्रसारित करने की दृष्टि से प्रसिद्ध कथाओं, विशेषत: धर्मकथाओं का आश्रय लिया गया है। जैन धर्मकथा साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उसमें सत्य, अहिंसा, परोपकार, दान, शील आदि सद्गुणों की प्रेरणायें सनिहित हैं। धर्मकथा के विषय का प्रतिपादन करते हुए आचार्य हरिभद्र ने भी कहा है- “धर्म को ग्रहण करना ही जिसका विषय है, क्षमा, मार्दव, आर्जव, मुक्ति, तप, संयम, सत्य, शौच, आकिञ्चन्य, अपरिग्रह तथा ब्रह्मचर्य की जिसमें प्रधानता है, अणुव्रत, दिग्व्रत, देशव्रत, अनर्थदण्ड विरति, सामायिक, प्रोषधोपवास, उपभोग-परिभोग तथा अतिथिसंविभाग से जो सम्पन्न है, अनुकम्पा, अकामनिर्जरादि पदार्थों से जो सम्बद्ध है, वह धर्मकथा कही जाती है।"१ प्राकृत गाथा-निबद्ध नियुक्तियों में सङ्केतित दृष्टान्त कथायें भी धर्मकथायें हैं। अधिकरण अर्थात् पाप के दुष्परिणाम, क्षमा का माहात्म्य और चारों कषायों, क्रोध, मान, माया और लोभ के दुष्परिणामों को बताने वाली कथाओं का सङ्केत कर अधिकरण, कषायादि से विरत रहने, क्षमा आदि धर्मों का पालन करने की प्रेरणा दी गई है। दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति में अधिकरण अर्थात् कलह, पाप, दुष्प्रवृत्ति आदि सम्बन्धी द्विरुक्तक, चम्पाकुमारनन्दी और चेट द्रमक के दृष्टान्तों में असंयमी या गृहस्थ जनों में परस्पर कलह और शत्रुता के कारण वध, खलिहान जलाने तथा युद्ध में बन्दी बनाने जैसे प्रतिशोधात्मक कृत्य किये जाते हैं। फिर भी जब एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष से क्षमायाचना की जाती है तो दूसरा पक्ष उसके शत्रुतापूर्ण कृत्यों और अक्षम्य अपराध को अनदेखा कर क्षमा प्रदान कर देता है। इन दृष्टान्तों द्वारा यह प्रतिपादित किया गया है कि जब असंयमी लोग भयङ्कर अपराधों के लिए क्षमायाचना और क्षमादान कर सकते हैं तब संयमी साधु तो अवश्य १. प्रवक्ता - पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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