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________________ १० : श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९७ पूर्ति में बाधक बनती हैं। जैसे एक हकलाने वाला व्यक्ति अपने दोष से मुक्त होने के लिए मुंह में पान डालकर बोलने का प्रयास करके उसमें सफलता प्राप्त करता है। (II) अन्य उपाय की खोज (Seeking another path)- उद्देश्य प्राप्ति में आने वाली बाधा का निवारण करने में जब व्यक्ति असफल हो जाता है तो और किसी उपाय की खोज करने लगता है जिससे उसे सफलता मिल सके। उदाहरणार्थ पेड़ पर लगे फल हाथ से नहीं तोड़ पाने के कारण बच्चे उसे डंडे से तोड़ लेते हैं। (III) अन्य लक्ष्यों का प्रतिस्थापन (Substitution of other Goals)- जब मूल लक्ष्य में ही सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है तो व्यक्ति अपना लक्ष्य ही बदल देता है तथा दूसरे लक्ष्य को निर्मित कर लेता है। जिसप्रकार बच्चे वर्षा के कारण खेल के मैदान में खेलने नहीं जा पाते हैं तो घर में ही दूसरा खेल खेलने लगते हैं। (IV) व्याख्या व निर्णय (Analysis, Decision)- जब व्यक्ति के सामने दो समान रूप से वांछनीय, पर विरोधी इच्छाएँ होती हैं तो वह पूर्व अनुभवों के आधार पर सोच-विचार कर अन्त में किसी एक का चुनाव करने का निर्णय कर लेता है। जिस प्रकार एडवर्ड अष्टम के समक्ष वह इंग्लैण्ड का राजा रहे या मिसेज सिम्पसन से विवाह करे का प्रश्न उभरा था। तब उन्होंने राजपद का त्याग कर मिसेज सिम्पसन से विवाह करने का निर्णय लिया था। २. अप्रत्यक्ष विधियाँ (Indirect Methods of Tension Reduction)अप्रत्यक्ष विधियों का प्रयोग केवल दुःखपूर्ण तनाव को कम करने के लिए किया जाता है।३१ ये विधियां निम्न प्रकारेण हैं (1) शोधन (Sublimation)-- जब व्यक्ति की काम प्रवृत्ति तृप्त न होने के कारण उसमें तनाव उत्पन्न करती है, तब वह कला, धर्म, साहित्य, पशुपालन, समाजसेवा आदि में रुचि लेकर अपने तनाव को कम करता है। (II) पृथक्करण (Withdrawal)- इसके अन्तर्गत व्यक्ति अपने आपको उस स्थिति से पृथक कर लेता है जिसके कारण तनाव उत्पन्न होता है। जैसे- जब कोई किसी का मजाक उड़ाता है तो वह उन लोगों से मिलना-जुलना ही बंद कर देता है। (II) प्रत्यावर्तन (Regression)- व्यक्ति अपने तनाव को कम करने के लिए वैसा ही व्यवहार करने लगता है जैसा वह पहले करता था। जैसे- जब घर में दो बालक हो जाते हैं, तब बड़ा बालक माता-पिता का उतना ही प्रेम पाने के लिए छोटे बच्चे की तरह घुटनों से चलना, हठ करना आदि क्रियाएँ करने लगता है। (IV) दिवास्वप्न (Day-Dreaming) – तनाव को कम करने के लिए व्यक्ति कल्पना जगत् में विचरण करने लगता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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