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________________ श्रमण/अक्टूबर-दिसम्बर / १९९६ : ११८ अवसर पर अहिंसा एवं सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस समारोह में आचार्य देवेन्द्रमुनि शास्त्री, श्री किशन लाल जी महाराज आदि भी उपस्थित थे। दिल्ली १० अक्टूबर : जैन महासभा, दिल्ली के तत्त्वावधान में विश्वमैत्री एवं क्षमापना दिवस के राष्ट्रीय समारोह का दिनांक २८ सितम्बर को राष्ट्रपति भवन में आयोजन किया गया। इस समारोह में श्री मणिक भाई, श्री दीपचन्द्र गार्डी, श्री किशोर वर्धन, श्री वैंकट लाल कोठारी, श्री उम्मेदमल पांडया, श्री मांगीलाल सेठिया आदि ने महामहिम राष्ट्रपति जी का अभिनन्दन किया। इस अवसर पर महासभा द्वारा भगवान् महावीर के २६००वें जन्मोत्सव को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की भी घोषणा की गयी । श्रीमती डॉ० मुन्नी जैन उत्कृष्ट शोधकार्य के लिए सम्मानित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पी-एच०डी० उपाधि के लिए १९९६ के प्रारम्भ में स्वीकृत "हिन्दी गद्य के विकास में जैन मनीषी पं० सदासुखदास जी का योगदान” विषयक शोधकार्य के लिए डॉ० (श्रीमती) मुन्नी जैन (धर्मपत्नी डॉ० फूलचन्द्र जी प्रेमी) पुस्तकालयाधिकारी पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी को पिछले दिनों जयपुर में आयोजित विशेष सम्मान समारोह में आचार्य कुन्दकुन्द शिक्षण संस्थान ट्रस्ट बम्बई की ओर से रजत शील्ड एवं वीतराग - विज्ञान, अजमेर की ओर से २१ हजार रुपयों की नगद राशि द्वारा सम्मानित किया गया। इस समारोह में अनेक गणमान्य विद्वान् एवं समाज के प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे। जैनधर्म एवं साहित्य सेवा के क्षेत्र में जयपुर में लगभग २०० वर्ष पूर्व जन्मे पं० सदासुखदास जी कासलीवाल का बहुमूल्य योगदान रहा है । उनके द्वारा भगवती आराधना, रत्नकरण्डक श्रावकाचार आदि प्राचीन ग्रन्थों पर लिखित भाषावचनिकाएँ प्रकाशित हैं, किन्तु अभी भी उनके अनेक ग्रन्थ अप्रकाशित हैं। उनके इस महान् कृतित्व एवं व्यक्तित्त्व पर लगभग ३-४ वर्षों तक श्रम करके डॉ० मुन्नी जैन ने यह अनुसंधान कार्य किया है। इसमें हिन्दी भाषा तथा उसके गद्य के विकास पर लगभग शताधिक जैन गद्यकारों के परिचय के साथ-साथ पं० सदासुखदास जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला गया है। श्रीमती डॉ० जैन को इस सम्मान के लिए पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525028
Book TitleSramana 1996 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1996
Total Pages128
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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