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श्रमण हिन्दी खण्ड प्रस्तुत अङ्क में
१.
जैन आगम और गुणस्थान सिद्धान्त, - डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय
३-१४
२.
जैन धर्म और प्रयाग, -डॉ० कृष्णपाल त्रिपाठी
१५-२२
३. जीरापल्लीगच्छ का इतिहास, -डॉ० शिवप्रसाद
२३-३३
४.
आधुनिक विज्ञान, ध्यान एवं सामायिक, -डॉ० पारसमल अग्रवाल
३४-४३
५. त्रिरल, सर्वोदय और सम्पूर्ण क्रान्ति, -डॉ० धूपनाथ प्रसाद
४४-४८
४९-५४
महात्मा गाँधी का मानवतावादी राजनीतिक चिन्तन और जैन-दर्शन : एक समीक्षात्मक विवेचन, -डॉ० उषा सिंह
७. भक्त प्रत्याख्यानः सल्लेखना, -आचार्य विद्यानन्द मुनि
५५-५८
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