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श्रमण / जुलाई-सितम्बर/ १९९६
श्री डी०आर० मेहता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ० आर०सी० भंसाली, एन०सी०जैन, एच०सी० पारेख, श्री किशोर एम० वर्धन, श्री शान्ति प्रसाद जैन, श्री मंगलप्रभात लोढा आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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इस कार्यक्रम में १०० से ऊपर उपवास करने वाले तपस्वियों तथा समाज के विशिष्ट समाजसेवियों को सम्मानित किया गया। इसी सन्दर्भ में जैनसमाज की चार प्रमुख पत्रिकाओं जैन जगत, जैन जागृति, महावीर मिशन और कल्याण को जैन एकता साहित्य पुरस्कार १९९५ भी प्रदान किया गया।
आचार्य देवेन्द्रमुनि जी महाराज का तिहाड़ जेल में प्रवचन
दिल्ली, २ जुलाई : मास्टर श्रीपाल जैन तथा जेल के अधिकारियों के निवेदन पर आचार्य श्री देवेन्द्रमुनि जी महाराज कैदियों को उपदेश देने के लिये तिहाड़ जेल में पधारे। यहाँ उन्होंने अत्यन्त सरल किन्तु मार्मिक उद्बोधन में उन्हें सत्संग का महत्त्व बतलाया और दुर्गुणों से बचने तथा एक अच्छे नागरिक की तरह जीवन जीने के लिए संकल्प लेने की प्रेरणा दी। आचार्य श्री की सत्प्रेरणा से ८०० से ज्यादा कैदियों ने व्यसन मुक्त जीवन जीने की प्रतिज्ञा की और प्रतिज्ञा पत्र भरा। इस अवसर पर श्री रमेश मुनि जी, श्री दिनेश मुनि जी, श्री आलोक मुनि जी तथा जैन समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
डॉ० सुधा जैन को हार्दिक बधाई
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लाडनूँ, राजस्थान निवासी श्री सोहनलाल धनराज जी जैन की सुपुत्री श्रीमती सुधा जैन को उनके शोध-प्रबन्ध "जैनयोग एवं बौद्धयोग का तुलनात्मक अध्ययन" पर जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ (मान्य विश्वविद्यालय ) द्वारा जुलाई १९९६ में पी-एच० डी० की उपाधि प्रदान की गयी। उक्त संस्था की आप प्रथम पी-एच० डी० हैं ।
सम्प्रति डॉ० सुधा जैन पार्श्वनाथ विद्यापीठ के 'तनाव प्रबन्धन, स्वास्थ्य एवं योग विभाग' में तदर्थ प्रवक्ता के पद पर
कार्यरत हैं। डॉ० सधा जैन को पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई ।
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