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________________ २५ : ब्रमण/अक्टूबर दिसम्बर/१९९५ इनमें कुछ वनस्पतियाँ लोकजीवन में अतिशय परिचित हैं, परन्तु अनेक वनस्पतियाँ सर्वथा अपरिचित-सी प्रतीत होती हैं। प्रस्तुत आलेख में कवि अद्दहमाण द्वारा विभिन्न छन्दों में उपस्थापित वनस्पतियों के नाम मूल अपभ्रंश-काव्य पंक्तियों ( प्रक्रम २, छन्द ५५-६३ ) से आकलित हैं। अवश्य ही कवि द्वारा निर्देशित विपुल वनस्पति-समूह पर्यावरण के तत्त्व के रूप में विवेच्य हैं। पाठकों की सुविधा के लिए प्रत्येक वनस्पति का नाम अपभ्रंश व हिन्दी में उपन्यस्त है - - अपभ्रंश हिन्दी अपभ्रंश हिन्दी तमाल तूमड़, लौकी खदिर, खैर संजीवनी शतपत्रिका ( द्विरुक्त ) शिरीष १. ढल्ल २. कुंद ३. सयवन्तिय ४. रत्तबल ५. मालइ ६. मालिय ७. जूही ८. खट्टण ९. बालू १०. चंबा ११. बउल १२. कवइ १३. कंदुट्टय १४. माउलिंग २४. तमाल २५. तुंबर शतपत्रिका २६. खयर रक्तोत्पल २७. संजिय मालती २८. सइवत्तिय मल्लिका २९. सिरीस जुही ३०. सीसम (?) ३१. सयर एलंबालु (दालचीनी) ३२. पिप्पल चम्पा ३३. पाडल बकुल ( मौलसिरी) ३४. तुय केतकी ३५. पलास ३६. घणसार मातुलिंग ( एक ३७. तुज्ज प्रकार का नींबू ) ३८. हिरण्ण मालूर (बेल, कैथ ) ३९. भुज्ज माकन्द मुर ४०. धय द्राक्षा ४१. वंसवण भम्भ ४२. नालिएर अखरोट ४३. निंबोय आरू, अरुई ४४. निबिंजय शतावरी ४५. निंब ताड़ ४६. वड नीलकमल शीशम (?) पीपल पाटल त्वक् ( दालचीनी ) पलाश घनसार ( कर्पूर ) (?) हिरण्यः धतूरा भूर्जवृक्ष ( भोजपत्र का पेड़) धब, धाय वंशवन १५. मालूर १६. मायंद १७. मुर १८. दक्ख १९. भंभ २०. ईखोउ २१. आरु २२. सियर २३. ताल नारियल नींबू नोउंजी (?) नीम बरगद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525024
Book TitleSramana 1995 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1995
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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